सहारनपुर: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से करीब यूपी के सहारनपुर में दलित हिंसा की बरसी पर फिर बवाल हुआ है और पूरे इलाके में तनाव है. ताज़ा तनाव की वजह भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया के भाई की हत्या है. इस हत्या के मामले में पुलिस ने महाराणा प्रताप जयंती के चार आयोजकों दीपक राणा, शेर सिंह राणा, उपदेश राणा और नागेंद्र राणा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.


आरोप है कि इस हत्या को उस वक़्त अंजाम दिया गया जब राजपूत भवन में महाराणा प्रताप जयंती मनाई जा रही थी. अज्ञात शूटर्स ने कमल वालिया के भाई गोली मारी जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया के भाई की संदिग्ध मौत

मृतक सचिन वालिया के परिजनों का आरोप है कि उसे भगवा पट्टे पहने बाइक सवारों ने गोली मार दी. हालांकि पुलिस कप्तान बबलू कुमार मामले को संदिग्ध बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि परिजन सही घटनास्थल नहीं बता पा रहे हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

पुलिस ने बताया कि तनाव की आशंका को देखते हुए इलाके के चप्पे चप्पे पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. हर वाहन की तलाशी ली जा रही है और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं ताकि किसी भी प्रकार की अफवाहें ना फैल पाएं.

अब जाकर शुरू हो पाया पोस्टमार्टम
देर रात तक पुलिस को शव के पास तक नहीं आने दिया गया था और पुलिस पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को समझा रही थी. आधी रात के बाद परिजनों ने पुलिस को शव सौंप दिया और सुबह पोस्टमार्टम शुरू हुआ है.

2017 में भी हुआ था बवाल

पिछले साल भी 9 मई को ही सहारनपुर में जातीय हिंसा हुई थी. राजपूत समाज और दलित समाज आमने सामने आ गए थे. इस हिंसा के दौरान तोड़फोड़, आगजनी और पथराव की काफी घटनाएं हुई थीं. काफी नेताओं ने भी सहारनपुर पहुंच कर पीड़ितों से मुलाकात की थी. काफी दिनों तक यहां हिंसा शांत नहीं हो पाई थी. इसी मामले में भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर उर्फ रावण जेल में हैं.