अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) ने जम्मू-कश्मीर में मारे गए आतंकवादी मन्नान बशीर वानी के शोक में बैठक करने जा रहे नौ छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की है. जबकि तीन छात्रों को निलंबित कर दिया गया है. वानी आतंकवादी संगठन में शामिल होने से पहले पीएचडी का छात्र था. उसे कुपवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों ने मार गिराया था.


बता दें कि आजादी के नारे वाले कथित वीडियो भी वायरल हुआ था जिसकी जांच की जाएगी. यूनिवर्सिटी ने भी इसके लिएजांच कमेटी बनाई है.


एएमयू के अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के छात्रों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं. एएमयू मीडिया मामलों के प्रमुख प्रोफेसर एस किदवई ने बताया कि जांच समिति को 72 घंटे में अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है.


किदवई ने कहा कि एएमयू में राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.


उन्होंने कहा, "कुछ छात्रों ने वानी के समर्थन में अवैध तरीके से इकट्ठा होने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें हटा दिया गया. बाद में, नौ छात्रों की पहचान की गई और उन्हें अपने कृत्य के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया है."


बता दें कि जिस आतंकी की बात हो रही है वो कुछ महीने तक इसी कैम्पस में रिसर्च छात्र था. आतंकी का नाम मन्नान वानी और उसके हीरो बनाने की कोशिश करने वाले एएमयू के छात्रों का एक गुट है जिसमें ज्यादातर कश्मीरी छात्र हैं.


जैसे ही मन्नान की मौत की खबर एएमयू पहुंची, कुछ छात्रों ने उसे शहीद घोषित करते हुए फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया. इसके बाद नमाज ए जनाजा पढ़ने का भी प्रयास किया गया. हालांकि एएमयू के ही कुछ छात्रों ने इसका विरोध भी किया.


करीब 150 छात्रों ने एक शोक सभा भी आयोजित की. तीन छात्रों को अनुशासनहीनता के लिए निलंबित किया गया है. तीनों छात्र कश्मीरी बताए जा रहे हैं. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जब सभा का विरोध किया तो उनको भी विरोध का सामना करना पड़ा.


शोकसभा में शामिल छात्र उन लोगों से बहस कर रहे थे जो लोग सभा के लिए छात्रों को रोक रहे थे.