कानपुर: कानपुर-बुंदेलखंड की तीन पवित्र नदियों गंगा,बेतवा और मंदाकिनी नदी में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों को विसर्जित किया जाएगा. अस्थि कलश आने से पहले कानपुर-बुंदेलखंड की क्षेत्रीय इकाइयों के बैठक का दौर जारी है. सभी पदाधिकारी अस्थि कलश यात्रा को यादगार बनाने के लिए किसी तरह की कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं. अस्थि कलश यात्रा को सफल बनाने के लिए के लिए खास दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं.जिसमें बीजेपी के सभी मोर्चो को पूरी दमखम के साथ शामिल होने की बात कही गयी है.


कानपुर में प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री मोहसिन रजा 24 अगस्त को अस्थिकलश लेकर आएंगे. जाजमऊ से बिठूर के ब्रम्हावर्त घाट तक लगभग 35 किलोमीटर का सफर तय करेगी. जगह-जगह अस्थि कलश पर फूलों की वर्षा की जाएगी, प्रदेश सरकार के मंत्री और अन्यगंमान्य लोग खुली जीप में अस्थिकलश को लेकर खड़े होंगे. उनके पीछे कार्यक्रताओं की भीड़ और जनसमूह होगा.


कानपुर के ब्रम्हावर्त घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नातिन नंदिता मिश्रा अस्थियो को विसर्जित करेगी. नंदिता की ससुराल कानपुर में है और उनकी शादी कांग्रेस नेता सुमित मिश्रा से हुई है. जब अटल जी प्रधानमंत्री थे तब वो नंदिता की शादी में शामिल होने के लिए आये थे. वो नंदिता को सबसे ज्यादा प्यार करते थे.


लखनऊ से झांसी और चित्रकूट के लिए अस्थिकलश 24 अगस्त को भेजा जाएगा. 24 अगस्त को झांसी और चित्रकूट में अस्थि कलश को दर्शन के लिए रखा जाएगा. 25 अगस्त को झांसी की बेतवा नदी में विसर्जित किया जाएगा. वहीं 25 अगस्त को ही चित्रकूट की मंदाकनी नदी में अस्थि विसर्जन किया जाएगा.


कानपुर बुंदेलखंड की क्षेत्रीय इकाई के कार्यक्रता अस्थि कलश यात्रा में शामिल होने के लिए पहले कानपुर आएंगे.इसके बाद झांसी और चित्रकूट में अस्थि कलश यात्रा में शामिल होंगे.


वहीं लखनऊ के गोमती नदी में विसर्जित की जाएंगी. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और लखनऊ से सांसद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह उपस्थित रहेंगे. इसके बाद 24 अगस्त को उनकी अस्थियों का विसर्जन अयोध्या, कानपुर के बिठूर और बलरामपुर में किया जाएगा.