यूपी के 18 मंडलों से निकलेगी वाजपेयी की 'अस्थि कलश यात्रा', आयोजित किए जाएंगे कार्यक्रम
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय का भी कहना है कि संगठन की तरफ से प्रदेश के सभी 18 मंडलों में अटल की अस्थि कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिससे लोग उनके प्रति अपनी भावनाओं का इजहार कर सकें और उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें.
लखनऊ: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने उनकी अस्थियों को हर जिले की प्रमुख नदियों में प्रवाहित करने की घोषणा की है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय का भी कहना है कि संगठन की तरफ से प्रदेश के सभी 18 मंडलों में अटल की अस्थि कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिससे लोग उनके प्रति अपनी भावनाओं का इजहार कर सकें और उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें.
कार्यक्रम में ङुए हैं थोड़े बदलाव
महेंद्र पांडेय ने उत्तर प्रदेश में निकाली जा रही अस्थि कलश यात्रा को लेकर यह बातें कही. उन्होंने कहा, "कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव किया गया है. पहले 19 अगस्त को हरिद्वार में अटलजी की अस्थियों का विसर्जन किया गया. इस दौरान शीर्ष नेतृत्व की तरफ से कार्यक्रम में बदलाव किया गया. अब अटलजी की अस्थियां 21 को लखनऊ पहुंचेंगी. इसके बाद 23 अगस्त को यहां के झूलेलाल पार्क में एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा."
पांडेय ने कहा, "पार्टी उत्तर प्रदेश के सभी 18 मंडलों में यह कलश यात्रा निकालेगी. इस दौरान वहां की प्रमुख नदियों में उनकी अस्थियां प्रवाहित की जाएंगी. यह यात्रा कई जिलों से होकर गुजरेगी. अटलजी की अस्थि कलश यात्रा के दौरान इलाहाबाद में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और काशी में खुद मैं मौजूद रहूंगा."
जगह-जगह पर होगा कार्यक्रमों का आयोजन
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में अस्थि कलश यात्रा के दौरान जगह-जगह पर कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा और इस दौरान अटलजी के महत्वपूर्ण भाषण और कविताएं लोगों को सुनाई जाएंगी ताकि लोग अपनी भावनाओं का इजहार कर सकें.
महेंद्र नाथ पांडेय ने साझा कीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी से जुड़ी यादें
दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए पांडेय ने कहा, "अटलजी ऐसे व्यक्तित्व के धनी आदमी थे कि उनसे मिलने के बाद ही सारे तनाव अपने आप दूर हो जाते थे. मैं पहली बार अटलजी से 1997 में मिला था, उस समय मैं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में महामंत्री था. दिल्ली में उनसे मुलाकात उस समय हुई थी जब वह विदेश मंत्री थे."
उन्होंने बताया, "उत्तर प्रदेश में जब कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे उस समय मैं नगर विकास के राज्य मंत्री के तौर पर नियुक्त था. उसी समय एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने अटलजी लखनऊ आए थे. तब वह यहां से सांसद हुआ करते थे. मैं उनके पीछे चल रहा था. उन्होंने अचानक ही पूछा. पीछे-पीछे प्रोटोकॉल में चल रहे हो क्या. तुम्हें मालूम नहीं है लेकिन तुम्हारा विभाग बदल दिया गया है. सचमुच मुझे विभाग के बदले जाने की जानकारी नहीं थी. लेकिन उन्हें सूचना मिल चुकी थी. लेकिन मैंने स्थिति को संभालते हुए कहा कि नहीं मैं तो आपको छोड़ने के लिए आ गया था. अटलजी ने पीठ थपथपाई और कहा मन से काम करो. बहुत आगे जाना है."
नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर भी बोले महेंद्र नाथ
कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा, "नवजोत सिद्धू जब तक भाजपा में थे उनके भीतर नैतिकता और मर्यादा दोनों बची थी. बीजेपी से अलग होने के बाद वह नैतिकता से दूर हो गए. पाकिस्तान के सेना प्रमुख से गले मिलकर उन्होंने शहीदों का अपमान किया है. इसके लिए उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए."
बता दें कि पाकिस्तान में इमरान खान के प्रधानमंत्री पद के शपथ कार्यक्रम के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू भी वहां मौजूद थे. उन्हें वहां पाक अधिकृत कश्मीर के शासक के बगल में बैठाया गया था. पाकिस्तान के सेना प्रमुख बाजवा से गले मिलकर वह विवादों में घिर गए हैं.