परेशान हो चली हैं तेजस एक्सप्रेस की केबिन होस्टेस, कभी सेल्फी तो कभी वीडियो बनाते हैं पैसेंजर्स
बतौर क्रू मैनेजमेंट मेंबर्स यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल रखना इनकी जिम्मेदारी है. पर पैसेंजर्स कभी सेल्फी लेते हैं तो कभी वीडियो बनाते हैं जो इन्हें काफी असहज कर देता है.
नई दिल्ली: लखनऊ-दिल्ली-लखनऊ के बीच तेजस एक्सप्रेस को शुरू हुए करीब तीन हफ्ता बीत चुका है, लेकिन मॉडर्न सुख सुविधाओं से लैस इस ट्रेन की केबिन होस्टेस काफी परेशान हैं और उनकी परेशानी की वजह कुछ पैसेंजर्स हैं जो उनकी फोटो खींचते हैं, उनकी वीडियो बनाते हैं. और ये बात उन्हें बहुत असहज कर देती है. ट्रेन में काम करनेवाली एक होस्टेस ने कहा, ''हम लोग जब यात्रियों को सर्व कर रहे होते हैं तो उनमें से कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपना कैमरा ऊपर की तरफ रखकर हमारी तस्वीरे लेते हैं, वीडियो बनाते हैं.''
इतना ही नहीं यात्रा करने आने वाले यात्री उनके साथ सेल्फी भी लेते हैं जिसे वो चाहकर भी मना नहीं कर पाती. कई बार तो पैसेंजर्स बिना वजह बटन दबाकर होस्टेस को बुला लेते हैं. किसी लड़की या महिला के लिए ये स्थिति कितनी परेशान कर देने वाली होती होगी ये सोचने वाली बात है.
ये मामला यहीं तक सीमित नहीं है होस्टेस से मोबाइल नंबर तक मांगे जाने की बात सामने आई है. इन सारी हरकतों का सीधा संबंध मानसिकता से है. ये बताता है कि बतौर इंसान कोई शख्स कैसा है.
रीडिंग लाइट और अटेंडेंट कॉल बटन जैसी सुविधाओं से लैस है तेजस तेजस एक्सप्रेस की ख़ासियतों की बात करें तो शताब्दी से थोड़ी ज़्यादा सुविधा इसमें दी गई है. इसमें एक्ज़ीक्यूटिव और चेयर क्लास श्रेणी की बोगियां हैं. एक्ज़ीक्यूटिव क्लास की एक बोगी में 52 और चेयर कार की बोगी में 78 सीटें लगाई गई है. लेदर की सीट आरामदायक है. साथ ही विमान जैसी सुविधा देने के लिए सीटों के ऊपर रीडिंग लाइट और अटेंडेंट कॉल बटन दिया गया है. हर बोगी में तैनात ट्रेन हॉस्टेस बटन दबाने पर आपके पास आएंगी. पढ़ने के लिए रीडिंग बटन दबाकर आप बिना किसी और को डिस्टर्ब किये किताबें पढ़ सकते हैं. सीटें रेकलाइनिंग हैं, यानी आप अपनी सुविधा के मुताबिक़ सीट गिरा सकते हैं. बोगी में दोनों तरफ सीसीटीवी कैमरा सुरक्षा के लिहाज़ से लगाये गए हैं. खिड़कियों का साइज़ थोड़ा बड़ा दिया गया है. साथ ही खिड़कियों के पर्दे ऑटोमैटिक हैं. बटन दबाकर आप खिड़कियों को उठा या गिरा सकते हैं.
कितना है किराया तेजस एक्सप्रेस में लखनऊ से नई दिल्ली की टिकट की कीमत एसी चेयर कार के लिए 1,125 रुपये और एक्जीक्यूटिव चेयर कार के लिए 2,310 रुपये है. लखनऊ से कानपुर के लिए एसी चेयर कार का टिकट 320 रुपये है.
कितने बजे चलती है ट्रेन ये ट्रेन हफ्ते में 6 दिन चलती है. मंगलवार को इसका संचालन नहीं होता. लखनऊ से सुबह 6.10 बजे चलकर तेजस दोपहर 12.20 बजे दिल्ली पहुंचती है और दिल्ली से 3.35 बजे चलकर ये 10.10 बजे रात को लखनऊ पहुंच जाती है. हफ्ते में एक दिन ट्रेन की बोगियों का मेंटेनेंस के लिए होता है. आईआरसीटीसी तेजस के लिए एक दिन का रेलवे को 12 लाख रुपये दे रही है. इसका स्टापेज कानपुर और गाजियाबाद में है.
लेट होने पर रिफंड भारतीय रेल अपनी लेट लतीफी के लिए बदनाम है. ऐसे में तेजस एक्सप्रेस लोगों के बीच समय से यात्रा की एक नई उम्मीद है. ट्रेनों की लेट लतीफी की देखते हुए इस ट्रेन में यात्रियों को मुआवज़े का प्रावधान रखा गया है. इस ट्रेन का संचालन करनी वाली आईआरसीटीसी ने दावा किया है कि अगर तेजस एक्सप्रेस एक घंटे से ज़्यादा देर से पहुंची तो 100 रुपये और 2 घंटे से ज़्यादा देर से पहुंची तो 250 रुपये तक का रिफंड यात्रियों को दिया जाएगा. साथ ही मुफ़्त में यात्रियों को 25 लाख रुपये तक का यात्रा बीमा भी दिए जाने की व्यवस्था की गई है.
लेट होने पर इन यात्रियों को मिलेगा रिफंड तेजस एक्सप्रेस बीते शनिवार को पहली बार लेट हो गई. दिल्ली से लखनऊ के बीच चलने वाली ये ट्रेन शनिवार को अप और डाउन दोनों तरफ से लगभग 2 घंटे लेट रही. इस दौरान लखनऊ से दिल्ली आने वाली इस ट्रेन में 451 यात्री सवार थे और दिल्ली से लखनऊ जाने वाली ट्रेन में 500 यात्री थे.
अब इन सभी यात्रियों को 250 रुपये ट्रेन लेट होने के कारण हर्जाने के तौर पर मिलेगा. बता दें कि आईआरसीटीसी के नियमों के तहत तेजस के एक घंटे और उससे ज्यादा लेट होने पर यात्रियों को 100 रुपये और दो घंटे या उससे ज्यादा की देरी होने पर 250 रुपये मुआवजा दिया जाएगा.
आईआरसीटीसी के एक अधिकारी के मुताबिक शनिवार को इस ट्रेन में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों के फोन पर एक लिंक भेजा गया है. इस लिंक पर क्लिक कर यात्री हर्जाने की रकम क्लेम कर सकते हैं. अधिकारी के मुताबिक जो यात्री हर्जाने की रकम क्लेम करेंगे उन्हें ही पैसे लौटाए जाएंगे.
ऑनबोर्ड मर्चेंडाइज़, टैक्सी और होटल बुकिंग सुविधा भी जल्द होगी शुरू तेजस एक्सप्रेस के अधिकारियों का दावा है कि आने वाले दिनों में ऑनबोर्ड मर्चेंडाइज़, टैक्सी और होटल बुकिंग सुविधा भी शुरू की जाएगी. हालांकि अभी की बात करें तो ऑनबोर्ड एटीएम की सुविधा रेल के अंदर दी जा रही है. इसमें कोई एटीएम मशीन नहीं बल्कि स्वाइप मशीन की सुविधा है. इसके तहत आईआरसीटीसी का एक कर्मचारी हाथ में स्वाइप मशीन लेकर यात्री की कॉल पर उसकी सीट पर आएगा और जितने रुपये वो मशीन में स्वाइप करेगा, उतने रुपये कैश उसे दे दिया जाएगा.
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