लखनऊ: कालीन देखने में जितने सुंदर लगते हैं, उन्हें बनाने में उतनी ही मेहनत लगती है. बहुत से हाथों की सधी हुई उंगलियां सैकड़ों हजारों धागों को महीनों बुनकर कालीन का रूप देती हैं. उत्तर प्रदेश का भदोही जिला अपने उम्दा कालीन के लिए दुनियाभर में मशहूर है और आने वाले समय में यहां दिल्ली और वाराणसी की तर्ज पर कालीन मेलों के आयोजन को लेकर कालीन निर्यातकों में खासा उत्साह है.
राज्य सरकार द्वारा 'कार्पेट एक्सपो मार्ट' के संचालन के दिशानिर्देश मंजूर किए जाने के बाद अब भदोही के कालीन निर्यातकों में आस जगी है कि जल्द ही मार्ट शुरू हो जाएगा और वह दिन दूर नहीं जब पूरी चमक दमक के साथ 'कालीन मेले' लगने लगेंगे.
भदोही की नगर पालिका परिषद भी नगर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने की तैयारी में है. परिषद के अध्यक्ष अशोक जायसवाल नेबताया, 'वर्तमान में नगर पालिका परिषद की सीमा पांच किलोमीटर है, जिसे बढ़ाकर दस किलोमीटर किया जाएगा.' उन्होंने कहा कि नगर से सटी बीस ग्राम सभाओं के लगभग सत्तर मोहल्लों को इसमें शामिल किया जाएगा ताकि उन क्षेत्रों के नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें. बीस ग्राम सभाओं को शामिल करने से लगभग 75 हज़ार नागरिक शहरी सीमा में शामिल हो जाएंगे.
पालिका बोर्ड की एक विशेष बैठक में शहरी सीमा का दायरा दस किलोमीटर बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर जून में शासन को भेज दिया गया है.
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि भदोही में 180 करोड़ की लागत से बनाए गए कारपेट एक्सपो मार्ट के संचालन के दिशानिर्देश को हरी झंडी देने की प्रक्रिया में बीजेपी सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाए गए नियमों में संशोधन करते हुए खुली निविदा के तहत दस वर्षो के लिए मैनेजमेंट एजेंसी को देने की मंजूरी दी है.
उन्होंने बताया कि इसके तहत चयनित एजेंसी को 50 लाख रूपए का एकमुश्त प्रीमियम और 10 लाख रूपए की परफॉर्मेन्स सिक्योरिटी देनी होगी. एक्सपो मार्ट की 60 फीसदी दुकानों का आवंटन कालीन निर्माताओं और निर्यातकों को देने का फैसला लिया गया है. कालीन निर्माण करने वाले प्रदेश के सभी जनपद के निर्यातकों को दुकान का आवंटन किया जाएगा.
कालीन नगरी भदोही से सैकड़ों करोड रूपये के कालीन विदेश में निर्यात किए जाते हैं. कालीन निर्यात को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली और वाराणसी में कालीन मेले का आयोजन किया जाता है. भदोही में निर्यातकों की यहां भी कालीन मेले का आयोजन करने की मांग थी.