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अयोध्या में ऐसे होते हैं राम लला के दर्शन, इन चीजों को साथ ले जाने की है मनाही
रामलला के दर्शन के लिए कुछ दूर जाने पर गली और संकरी हो जाती है. चौड़ाई सिर्फ़ एक हाथ भर की रह जाती है. क़रीब एक किलोमीटर तक घुमावदार रास्तों से गुज़रने के बाद रामलला के क़रीब पहुंचते हैं. थोड़ी ऊंचाई पर छोटे से टेंट में रामलला विराजमान हैं.
![अयोध्या में ऐसे होते हैं राम लला के दर्शन, इन चीजों को साथ ले जाने की है मनाही the full procedure of darshan at Ram lal temple in Ayodhya अयोध्या में ऐसे होते हैं राम लला के दर्शन, इन चीजों को साथ ले जाने की है मनाही](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/11/23134759/Shree-ram.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
लखनऊ: इन दिनों अयोध्या और रामलला सबकी जुबान पर हैं. हर तरफ बस इन्हीं की चर्चा हो रही है. पर क्या आप जानते हैं कि अयोध्या में रामलला के दर्शन पाने के लिए आपको किन चीजों से होकर गुजरना पड़ता है. नहीं जानते तो जान लें. सबसे पहले तो ये बता दें कि वहां भगवान का दर्शन करना भी कठिन काम है. रामलला टेंट में हैं. सुरक्षा कारणों से रामलला की एक झलक भी बड़ी मुश्किल से हो पाती है. पूजा पाठ करने पर रोक है. भगवान की आरती भी आम लोग न तो देख सकते हैं न ही उसमें शामिल हो सकते हैं. अयोध्या में रामलला के दर्शन करने वालों को कुछ ख़ास बातों का ख़्याल रखना चाहिए. मंदिर में कई चीज़ों को ले जाने पर पाबंदी है. हर व्यक्ति की कम से कम पांच बार चेकिंग होती है.
रामलला के दर्शन करने वालों को इन चीजों के ले जाने की है मनाही
अयोध्या में राम मंदिर सवेरे 7 बजे ही खुल जाता है. चार घंटों बाद यानी 11 बजे मंदिर बंद हो जाता है. फिर भगवान को भोग लगाने के बाद दोपहर 1 बजे खुलता है. फिर शयन आरती के बाद शाम 6 बजे बंद हो जाता है. रामलला के दर्शन करने वालों को मोबाइल, वॉलेट, पेन, सिगरेट, बीड़ी, गुटखा और माचिस ले जाने की मनाही है. पानी का बोतल ले जाने पर भी रोक है. सबसे पहले सबकी चेकिंग होती है. महिलाओं की अलग लाईन और पुरूषों की अलग लाईन लगती है. 5 फिट चौड़े रास्ते से होकर गुज़रना पड़ता है. दोनों तरफ़ लोहे की छड़ की ऊंची दीवारें बनी हुई हैं.
पूजा पाठ के लिए फूल या अगरबत्ती ले जाने पर बैन है. प्रसाद के नाम पर सिर्फ़ ईलायचीदाना ले जाने की छूट है.दो पैकेट साथ में मिलता है. दाने का एक पैकेट पुजारी रख लेते हैं. दूसरा वाला पैकेट प्रसाद के रूप में मिलता है. बंदरों का भी बहुत आतंक है. अगर आपने प्रसाद का पैकेट ठीक से नहीं पकड़ा है तो पलक झपकते ही बंदर आपके पैकट को छीनकर भाग सकते हैं. ऐसा हर दिन कई लोगों के साथ होता है.
रामलला के साथ विराजमान है तीनों भाई और भक्त भगवान हनुमान की मूर्ति
रामलला के दर्शन के लिए कुछ दूर जाने पर गली और संकरी हो जाती है. चौड़ाई सिर्फ़ एक हाथ भर की रह जाती है. क़रीब एक किलोमीटर तक घुमावदार रास्तों से गुज़रने के बाद रामलला के क़रीब पहुंचते हैं. थोड़ी ऊंचाई पर छोटे से टेंट में रामलला विराजमान हैं. उनके साथ तीनों भाई भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की मूर्ति लगी हुई है. राम के सबसे बड़े भक्त भगवान हनुमान की भी प्रतिमा है.
दर्शन के लिए मिलता है सिर्फ़ 5 से 6 सेकेंड का समय
रामलला के दर्शन के लिए सिर्फ़ 5 से 6 सेकेंड ही समय लोगों को मिलता है. इतने कम समय में बस भगवान की एक झलक ही मिल पाती है. लोग ठीक से भगवान को देख भी नहीं पाते हैं. 51 फ़ीट की दूरी पर रामलला विराजमान हैं. दर्शन के बाद दूसरे रास्ते से लोग बाहर निकलते हैं.
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डॉ. अमित सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर
Opinion