कानपुर: डीएवी कॉलेज के हॉस्टल और कॉलेज के परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का भव्य स्मारक बनाया जाएगा. सोमवार को सांसद देवेन्द्र सिंह भोले, विधायक अरुण पाठक जिलाधय्क्ष सुरेन्द्र मैथानी और एडीएम सिटी ने हास्टल के निरिक्षण के बाद ये जानकारी दी. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने इसी हॉस्टल के रूम नंबर 104 में सन 1945 से लेकर 1947 तक रह कर पढ़ाई की थी. उनके निधन के बाद बीजेपी इस हास्टल के रूम नंबर 104 को धरोहर के रूप में आने वाली पीढ़ी को देना चाहती है.


बीजेपी नेताओं ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर कॉलेज और हॉस्टल का निरिक्षण किया. हॉस्टल के वार्डन पीयूष शुक्ला से से मुलाकात की और शासन की मनसा से उनको अवगत कराया. कॉलेज परिसर और हास्टल में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का भव्य स्मारक बनेगा. यह स्मारक एक धरोहर के रूप में छात्रों और देश की जनता को समर्पित किया जाएगा. इसे भव्य बनाने के लिए सबसे बेहतरीन आर्किटेक्ट की टीम को लगाया जाएगा.


अटल बिहारी बाजपेई ने डीएवी कॉलेज से राजनीती शास्त्र की मास्टर डिग्री हासिल की थी. दो साल तक वो हॉस्टल के रूम नंबर 104 में रहे थे, उनके जाने के बाद यह रूम किसी भी छात्र को एलाट नहीं किया गया है. अकबरपुर लोकसभा से बीजेपी संसद देवेन्द्र सिंह भोले ने बताया कि रूम नंबर 103 ,104 ,105 लेने की आवश्यकता है. तब जाकर एक भव्य स्मारक की रचना हो सकेगी, यह स्मारक छात्रों को प्रेरणा देने का भी काम करेगी. इसके साथ ही यह स्मारक धरोहर के रूप में जनता को समर्पित की जाएगी.


जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी के मुताबिक इस स्मारक का मुख्या द्वार सड़क की तरफ खुलेगा. ताकि जनमानस अपने महान नेता की स्मारक स्थल में आसानी से आ जा सके. जल्द ही इस फैसले पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.


अटल के नाम पर रखे जाएंगे पुल-सड़क और चौक के नाम


इसके साथ ही नगर निगम के सदन पर सर्वसमिति से एक फैसला लिया गया. जिसमें मेयर प्रमिला पाण्डेय ने बताया कि बड़ा चौराहा का नाम बदल कर अटल चौक रखा जाएगा. गंगा बैराज पर बन रहे घाट का नाम अटल घाट रखा जाएगा. वहीं अभी तक वीआईपी रोड के नाम से जाने जानी वाली सड़क का नाम अटल मार्ग होगा. शेखपुर में नगर नगम की 20 एकड़ की जमीन पर अटल स्मृति बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. तुलसी उपवन में अटल बिहारी बाजपेई की विशाल प्रतिमा लगवाई जाएगी. इसके साथ ही अंगेजों के ज़माने का बना पुल जूही खल्वा पुल अब अटल सेतु के नाम से जाना जाएगा.