देवरिया: पुलवामा में शहीद देवरिया के लाल विजय कुमार मौर्या का पार्थिव शरीर जब शनिवार की दोपहर 3:30 बजे उनके गांव पहुंचा तो शहीद विजय कुमार मौर्या अमर रहे और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों से आसमान गुंजायमान हो उठा. हजारों की संख्या में उपस्थित भीड़ ने पार्थिव शरीर को नमन किया और अंतिम विदाई देने के लिए उनके गांव में उपस्थित रहे. लेकिन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने की जिद पर अड़े परिजनों और ग्रामीणों के मान-मनौव्वल के सात घंटे बाद रात 10:30 बजे शहीद का अंतिम संस्कार हो सका.
शहीद विजय कुमार मौर्या का पार्थिव शरीर जैसे ही दोपहर 3:30 बजे उनके पैतृक गांव भटनी थाना के छपिया जयदेव पहुंचा, वहां माहौल गमगीन हो गया. सुबह से ही अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए उनके गांव में एकत्र होने लगे. गणमान्य नागरिकों के साथ, आसपास के ग्रामीण भी गांव पहुंच गए. हजारों की संख्या में पहुंची भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन और पुलिस के आलाधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी.
उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही घर में कोहराम मच गया. सीआरपीएफ के वाहन में पार्थिव शरीर को गांव लाया गया. शाम होने के कारण प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियों ने अंतिम दर्शन के बाद परिवारवालों को जल्दी से अंतिम संस्कार की तैयारियों के लिए कहा.
लेकिन, परिवार के साथ गांव के लोग भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने के बाद ही अंतिम संस्कार की बात पर अड़ गए. शहीद की बेसुध पत्नी विजयलक्ष्मी और पिता रामायण मौर्य सहित परिवार के लोग भी शहीद का पार्थिव शरीर देखकर बेसुध हो गए.
शहीद जवान के अंतिम दर्शन के लिए वहां पहुंचे कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, प्रभारी मंत्री अनुपमा जायसवाल समेत प्रशासनिक अधिकारी भी कई घंटे तक मान-मनौव्वल करते रहे. लेकिन, बात नहीं बनी.
परिजन और ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं हुए. इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी परिजनों से बात कर उन्हें आश्वासन दिया कि ब्रह्मभोज के पहले वे उनसे मिलने आएंगे. उसके बाद परिजन मान गए. लेकिन, शव को वाहन अपर रखने की बात हुई, तो शहीद के पिता, बड़े भाई और पत्नी ने मना कर दिया. वे लोग पेट्रोलपंप, शहीद द्वारा लिए गए दस लाख रुपए के बैंक लोन को माफ करने, विधवा भाभी को सरकारी नौकरी देने के लिखित आश्वासन की मांग करने लगे. उनके प्रार्थनापत्र पर डीएम ने लिखित संस्तुति भी कर दी. लेकिन, किसी ने प्रार्थनापत्र फाड़ दिया और फिर परिजन सीएम को बुलाने की मांग पर अड़ गए. साढ़े छह घण्टे बाद रात 10 बजे शहीद की अंतिम यात्रा निकली. रात 10:30 बजे उनका छोटी गंडक के डाबर बेहरा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ शहीद विजय कुमार मौर्य का अंतिम संस्कार किया गया.