वाराणसी: वाराणसी धर्म और आस्था का शहर है जिसे हम काशी के नाम से भी जानते हैं. इस शहर की जो सबसे बड़ी खासियत है वो है यहां के लोग. यहां के हर शख्स के भीतर बसता है काशी. पुराने समय में कभी इसे बनारस के नाम से भी जाना जाता था यानि वो शहर जिसका रस हमेशा बना रहता है. माना जाता है कि बनारस दुनिया का सबसे पुराना शहर है, एक इतिहासकार ने तो यहां तक कहा है कि ये शहर इतिहास और परंपराओं से भी पुराना है. तो आइए बात शुरू करते हैं जीवनदायनी गंगा से जो बनारस के लिए और बनारस इसके लिए जाना जाता है.


यहां पर कल-कल बहती गंगा अपने 84 घाटों के साथ सालों से खूबसूरती बिखेरती आ रही है. दूर-दूर तक फैला गंगा जी का पानी, उनमें चलती नावें, सुबह शाम की आरती, ढेर सारे मंदिर, घंटों की आवाजें बनारस की एक अलग ही पहचान बनाते हैं.

गंगा नदी, घाट और मंदिरों के अलावा यहां और भी बहुत सी चीजें हैं जिनके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए. हम बात कर रहे हैं बनारस के जायके की जो दुनिया भर में मशहूर है. बनारस की चाट, मिठाई, मसाला टी, पान, लस्सी, मलईयो, ठंढई, मालपुआ और भांग जिसका कोई जवाब ही नहीं है.



बनारस की चाट

पहले नंबर पर है बनारस की चाट, तो बता दें कि यहां कि चाट की अपनी ही एक क्वालिटी होती है. चुनिंदा मसालों से बनी यहां की चाट खाने का अपना ही एक मजा है. पापड़ी, आलू, मटर, पालक, भुना हुआ जीरा, सीजनल सब्जियों और तमाम तरह की चटनियों से बनी यहां की चाट दुनिया भर में मशहूर है. चाट के लिए वहां कुछ फेमस दुकानें भी हैं जिनमें काशी चाट और दीना चाट का नाम सबसे उपर आता है.



बनारसी मिठाइयां

दूसरा नंबर है बनारस की मिठाइयों का जो लोगों की पसंद को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं. खास कर त्याहारों पर तो इनका एक अलग ही अंदाज होता है. होली पर चले जाएं तो पिचकारी, बाल्टी और गुब्बारे जैसे आकार की मिठाईयां आपको देखने को मिलेंगी. नारियल के लड्डू, कलाकंद, डोडा बर्फी, शाही पेड़ा, बादाम की गुझिया, बादाम की जलेबी, फलों से बनी मिठाईयां, गिलौड़ी, रसमलाई, काजू की मिठाईयां सबसे खास हैं.

photo credit- uptourism

बनारसी पान

पान खाने के शौकीन हैं तो एक बार बनारस का चक्कर जरूर लगाएं. यहां के मगही पान की भी अपनी एक अलग बात है. गुलकंद, किमाम, केवड़ा, मेवा, चेरी, चॉकलेट, सौंफ से तैयार किए गए पान अगर एक बार मुंह लग जाएं तो फिर इनकी आदत नहीं छूटती. मगही पान की एक विशेष प्रजाति है जो खास तौर से बनारस में मिलती है. हल्का पीलापन लिए हुए ये पान काशी की शान है और साथ ही लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा भी. बिना इसके लोगों का दिन शुरू नहीं होता.



मलईयो 

बनारस की सड़कों पर सर्दी के मौसम में एक बिल्कुल अलग तरह की मिठाई मिलती है जिसे मलईयो के नाम से जाना जाता हैं. ये मिठाई सर्दियों की ओस में बनती है. दूध, छोटी इलायची, मेवे, खोए और केसर से भरपूर ये मिठाई घाटों के किनारे मोहल्लों में खास तौर से बनाई जाती है क्योंकि वहां सबसे ज्यादा ओस पड़ती है. इस मिठाई से शरीर को भी कई फायदे होते हैं. आंख की रोशनी बढ़ाने से लेकर झुर्रियां को खत्म करने तक में ये काफी फायदेमंद है.



भांग

भांग के बारे में आपने सुना ही होगा. काशी में पान के अलावा अगर किसी की सबसे ज्यादा डिमांड है तो वो है वहां की भांग जिसे शिव जी के प्रसाद का दर्जा दिया गया है. इसका भी अपना एक अलग ही मजा हैं. बाजारों में आपको भांग से बनी कई खाने-पीने की चीजें मिल जाएंगी. जैसे अगर आप गर्मी से तरबतर हैं तो घाट पर गंगा नदी के किनारे बैठ कर ठंडी हवाओं के बीच आप ठंढई और लस्सी का लुत्फ ले सकते हैं. लस्सी में रबड़ी और भांग का तालमेल कुछ ऐसा होता है कि बस. यहां भांग के गोले का भी बड़ा चलन है जो मेवे से भरपूर होते हैं. शाम को भांग की पकौड़ी का भी मजा लिया जा सकता है. हालांकि कुछ लाइसेंसी दुकानों पर ही आप भांग से बनी चीजों का आनंद ले पाएंगे.