मां की ठुकराई दो दिन की नवजात ने तीन बार दी मौत को मात
वैसे तो बच्चे मां के कलेजे का टुकड़ा होते हैं वो उनके लिए कुछ भी कर जाती है पर ये ममता सबके हिस्से में हो ये जरूरी नहीं. ऐसा ही कुछ सुनैना के साथ हुआ. जिसने अभी ठीक से आंखें भी नहीं खोली थी उसे मरने के लिए छोड़ दिया.
नई दिल्ली: वो कहते हैं ना ''जाको राखे साईयां मार सके ना कोय'', ऐसा ही कुछ मुजफ्फरनगर में देखने को मिला. ये कहानी एक मां और एक नवजात की है. वैसे तो बच्चे मां के कलेजे का टुकड़ा होते हैं वो उनके लिए कुछ भी कर जाती है पर ये ममता सबके हिस्से में हो ये जरूरी नहीं. ऐसा ही कुछ सुनैना के साथ हुआ. जिसने अभी ठीक से आंखें भी नहीं खोली थी उसे मरने के लिए छोड़ दिया.
दो दिन की नवजात को पहले तो उसकी मां उसे किसी के घर के बाहर छोड़कर चली गई. फिर उसके ऊपर से ठेला गुजर गया. मानवता तब और शर्मसार हो गई जब बच्ची की रोने की आवाज सुनकर उस आदमी (जिसके धर के बाहर बच्ची को उसकी मां छोड़ गई थी) उसे उठाकर कूड़े वाले ठेले में फेंक दिया और ठेले वाले से कहा ले जा इसे. नवजात ने एक नहीं , दो नहीं, तीन-तीन बार मौत को मात दे दी.
मोहल्ले के लोगों ने मिलकर 2 दिन की उस बच्ची को पुलिस की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया. फिलहाल वो बिल्कुल ठीक है और अस्पताल में है. इस वक्त प्रशासन ही उसका मां-बाप बना हुआ है. इस मामले में मुज़फ्फरनगर के जिलाधिकारी राजीव शर्मा ने जनता के बीच इस बच्ची को बचाने की मुहीम छेड़ी है. उनका कहना है कि बच्ची सकुशल है डॉक्टरों को उसे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करने के निर्देश दिए हैं. आज आस्था संस्था के पदाधिकारी बच्ची से मिलने गए थे इस बच्ची का नाम सुनैना रखा है.
राजीव शर्मा ने कहा हमने उस कार को ट्रेश कर लिया है जो बच्ची को छोड़ गई थी इसलिए मैं बच्ची की मां से अपील करता हूं कि वो सामने आएं और बच्ची को ले जाएं. अगर नहीं ले जाएंगे तो इस मामले में पुलिस केस बन चुका है आगे की कार्रवाई उसी हिसाब से होगी.