लखनऊ: साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए विपक्षी दलों ने अभी से कमर कस ली है. यूपी में गठबंधन पर एसपी-बीएसपी और कांग्रेस में सैद्धांतिक सहमति बन गई है. कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार गठबंधन सिर्फ अमेठी रायबरेली तक सीमित नहीं रहेगा. सीटों के बंटवारे पर अभी बात होनी है. इस सहमति के बाद राजनीतिक और जनसंख्या के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पारा चढ़ सकता है.


सूत्रों के हवाले से ये तथ्य सामने आए हैं..


 सूत्रों के मुताबिक  यूपी और बिहार में अगर ठीक से गठबंधन हुआ तो बीजेपी के सामने मुश्किल खड़ी हो सकती है.


यूपी में गठबंधन को लेकर एक रणनीतिक समझ बन चुकी है. सीटों के बंटवारे पर अभी बात होनी है.


2019 के चुनाव में प्रधानमंत्री बनने के लिए नरेंद्र मोदी और बीजेपी को 230-240 सीटों की ज़रूरत होगी. अगर इससे कम सीट आती हैं तो बीजेपी को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.


बीजेपी के खिलाफ व्यापक गठबंधन को लेकर प्रमुख विपक्षी दलों में एक भाव है कि अपने-अपने क्षेत्र में ताकत के साथ चुनाव लड़ना है.


बीजेपी के खिलाफ़ महागठबंधन और नेतृत्व की प्रक्रिया दो स्तर की है. पहले अपने गढ़ में चुनाव लड़ें और फिर जीतकर आई सीटों के आधार पर फैसला हो कि प्रधानमंत्री कौन होगा.


आपको बता दें कि इस साल तीन मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं और इस तीनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है.


मध्य प्रदेश में बीएसपी-कांग्रेस के गठबंधन पर लग चुकी है मुहर
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में बीएसपी के साथ गठबंधन पहले ही मुहर लगा दी है. इसी साल के अंत में मध्य प्रदेश में विधानसभा का चुनाव होना है इसलिए यह कांग्रेस के बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है. मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया ने बताया था कि राज्य में बीएसपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर चल रही बातचीत संतोषजनक तरीके से आगे बढ़ रही है. सीट बंटवारा फार्मूले का मुद्दा गोपनीय है. हम अभी मीडिया के आगे कुछ कहना नहीं चाहते. जब फैसला हो जाएगा तो इसके बारे में बताएंगे.