गोरखपुरः पेशे से बैंक अधिकारी रवि द्विवेदी की बनाई हुई मधुबनी पेंटिंग अब राष्‍ट्रपति भवन में शोभा बढ़ाने के लिए तैयार है. 10 दिसंबर को गोरखपुर आ रहे महामहिम को उनकी ‘सीता स्‍वयंवर’ कृति भेंट की जाएगी. रवि द्विवेदी, दुर्लभ पौधों को 35 बरसों से गमलों में संजोने के शौक के कारण ‘मिस्‍टर बोनसाई’ के नाम से भी मशहूर हैं.


गोरक्षपीठ द्वारा संचालित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का 86वें संस्‍थापक सप्‍ताह समारोह के 10 दिसंबर को होने वाले मुख्‍य महोत्‍सव में महामहिम राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्‍य अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे. हालांकि उनके स्‍वागत के लिए पहले से ही तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं.


लेकिन, जिला और मंदिर प्रशासन ने ये तय किया कि उन्‍हें ऐसी भेंट दी जाए, जो कुछ अलग और खास हो. ऐसे में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की पहल पर महापौर सीताराम जायसवाल ने रवि द्विवेदी के घर जाकर उनसे भेंट की. पूर्वांचल बैंक में वरिष्‍ठ अधिकारी रवि द्विवेदी ने भी गोरक्षपीठाधीश्‍वर की इच्‍छा का मान रखते हुए दो पेंटिंग महापौर को सौंप दीं.


ये उपहार महामहिम के साथ राष्‍ट्रपति भवन जाएगा और वहां पर गोरखपुर और चित्रकार रवि द्विवेदी की कला की शोभा बढ़ाएगा. महापौर सीताराम जायसवाल ने कहा कि ये गोरखपुर के लिए गौरव की बात है. वहीं इस पेंटिंग को बनाने वाले बैंक अधिकारी रवि द्विवेदी का कहना है कि उनके कला की प्रशंसा हो रही है. महामहिम को उनकी पेंटिंग भेंट की जाएगी, ये उनके लिए खुशी की बात है.



उन्होंने बताया कि वे मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की छवि उन्‍हें भेंट कर चुके हैं. वहीं राज्‍यपाल बीएल जोशी और रामनाइक, पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव, लोक गायिका मालिनी अवस्‍थी, बैंक के कई अन्‍य बड़े अधिकारियों समेत शहर के प्रबुद्धजनों को अपनी कृतियां भेंट कर चुके हैं.


उन्हें कला की कद्र करने वाले लोगों को अपनी बनाई हुई कृति भेंट करने में खुशी मिलती है. हालांकि वे बताते हैं कि इस पेंटिंग को बनाने में काफी समय और रुपए खर्च होते हैं. इसके साथ ही बनने के बाद इसकी कीमत भी हजारों में होती है. लेकिन, उन्‍होंने इस शौक को प्रोफेशन नहीं बनाया.


रवि द्विवेदी ने साल 1986 से मधुबनी पेंटिंग बनानी शुरू की. इसके साथ ही उन्‍होंने दुर्लभ पौधों को गमले में संजोना शुरू किया. उनके पास रुद्राक्ष स‍मेत सैकड़ों प्रजातियों के पौधे हैं. जिन्‍हें वे 35 वर्षों से बच्‍चों की तरह पाल रहे हैं. इसी वजह से उन्‍हें उनके जानने वाले ‘मिस्‍टर बोनसाई’ के नाम से पुकारते हैं.