मेरठ: दो दिन से लगातार हो रही बारिश से मकानों के गिरने का सिलसिला जारी है. जिले में अब तक तीन लोगों की मकान के मलबे में दबने से मौत हो चुकी है और आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. भावनपुर और घोसीपुर में मकान गिरने से दो बच्चों समेत एक वृद्धा की मौत हो गयी.


इसराइल के कलेजे के टुकडों ने मलबे में दबकर दम तोड़ा

मेरठ के भावनपुर के जेई गांव में इसराइल के मकान की छत गिरने से उसके दो बच्चों की मौत हुई है. हादसे के वक्त पूरा परिवार मिट्टी से बनी छत वाले कमरे में सो रहा था. छत गिरने के बाद मलबे से जब ग्रामीणों ने परिवार को निकाला तो 6 साल की सुमैया और चार साल के अमजद की मौत हो चुकी थी. इसराइल, उसकी पत्नी और दो बच्चों को मलबे से निकालने के बाद घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

बुढ़ापे में बिछड़ा गफूर मियां का हमसाया

मेरठ के घोसीपुर में अधिक बरसात से मकान की नींव धंस गयी और पूरा मकान ढह गया. मकान के मलबे में दबे गफूर खां और उनकी पत्नी प्यारी को ग्रामीणों ने जब बाहर निकाला तो प्यारी की मौत हो चुकी थी. घायल गफूर खां का अस्पताल में इलाज चल रहा है.

गरीबों का उजड़ा आशियाना अब सरकार से मदद की उम्मीद

इसराइल एक टैक्सी ड्राइवर है. बच्चों की मौत और मकान ढह जाने के बाद उसके सिर से आशियाना चला गया है. ऐसे में उसका परिवार का गुजारा कैसे होगा. गफूर मियां का परिवार भी गरीबी से जूझ रहा है. इलाके के लोगो ने सरकार से पीड़ितों के मिले मुआवजे की मांग की है.

जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने दोनो गांवों की राजस्व टीमों को नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट भेजने के आदेश दिये हैं. डीएम का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद मुआवजे की संस्तुति शासन को भेजी जायेगी. फिलहाल परिवार के भोजन और खर्चे के लिए स्थानीय अफसरों को इंतजाम करने के आदेश दिये हैं.