गोरखपुरः दो किलो मादक पदार्थ के साथ एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट और लखनऊ की नारकोटिक्स कंट्रोल की संयुक्त टीम ने तीन अंतरराष्ट्रीय तस्करों को गिरफ्तार किया है. ये तस्कर के साथ नेपाल में भी मादक पदार्थ (मेथाक्यूलोन) की तस्करी करते रहे हैं. इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में दो करोड़ रुपए बताई जा रही है. तीनों की गिरफ्तारी धर्मशाला बाजार की ओर से गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर नौ की ओर जाने वाले मेन गेट से हुई है.
मादक पदार्थ (मेथाक्यूलोन) की तस्करी में लिप्त अंतरराष्ट्रीय गिरोह के तीन सदस्यों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया. एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह को नेपाल और यूपी के आसपास के जिलों में तस्करों की सक्रियता की सूचना मिली थी. इसी आधार पर पुलिस उपाधीक्षक विनोद कुमार सिंह और इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह को कार्रवाई की जिम्मेदारी दी गई. उसके बाद गोरखपुर की स्थानीय इकाई ने छानबीन शुरू की. बीते मंगलवार को सूचना मिली कि राजस्थान से दो तस्कर मोहम्मद इरशाद और शोएब अवध एक्सप्रेस में सवार हुए हैं, जो बुधवार को गोरखपुर पहुंचेंगे.
मादक पदार्थ देवरिया के बरहज निवासी संजय सिंह को दिया जाना था. एसटीएफ की टीम ने सटीक सूचना के आधार पर धर्मशाला के पास से तीनों अंतरराष्ट्रीय तस्करों को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में मोहम्मद इरशाद और शोएब ने अपना पता राजस्थान का झालवाड़ बताया है. उन्होंने बताया कि झालवाड़ के ही अल्ताफ के कहने पर मादक पदार्थ गोरखपुर तक ले आए हैं. इसे संजय सिंह के जरिए गोरखपुर से महराजगंज, फिर सोनौली बॉर्डर से नेपाल भेजा जाना था.
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अल्ताफ को मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले संगठित गिरोह का सरगना बताया गया है. वह पहले भी मादक पदार्थों की तस्करी कर चुका है. अब उसके संपर्कों की पड़ताल की जा रही है. तस्करों के पास से दो किलोग्राम मेथाक्यूलोन, चार मोबाइल फोन, दो आधार कार्ड, एक ड्राइविंग लाइसेंस, पांच एटीएम कार्ड और 4700 रुपये नकद बरामद हुए हैं. एसटीएफ के मुताबिक मेथाक्यूलोन में 100 ग्राम हेरोइन मिलाकर बेचा जाता था. इसकी 60 किलोग्राम की खेप पहले महाराष्ट्र के सोलापुर में पकड़ी जा चुकी है. इससे पहले भी तस्कर गोरखपुर आए थे, लेकिन एसटीएफ के हत्थे नहीं चढ़ सके.