सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा, वहीं जगह-जगह ट्रक यूनियन रोड पर चल रही ट्रकों को खड़ा कर हाथ में बैनर लिए हड़ताल का आह्वान कर रहे थे. यहां कहा गया कि इस बार अपनी मांगों को लेकर आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी. वहीं इस हड़ताल से यहां के निर्यात कारोबार पर खासा असर पड़ने की उम्मीद है.
एक अनुमान के मुताबिक, यहां प्रतिदिन निर्यात कारोबार करीब 53 करोड़ रुपये का है. यहां से प्रतिदिन निर्यात के लिए करोड़ों का माल ट्रक द्वारा विभिन्न पोर्ट के लिए भेजा जाता है, जिस पर इस हड़ताल के बाद काफी असर पड़ेगा.
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यूपी मोटर ट्रांसपोर्ट्स एसोसिएशन के तत्वाधान में किए जा रहे इस देश व्यापी चक्का जाम के दौरान इसके अधीन चलने वाले मुरादाबाद गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के एक पदाधिकारी आशुतोष मिश्र ने बताया कि यह अनिश्चितकालीन हड़ताल है, जब तक उनकी मागों को नहीं मान लिया जाता है, यह हड़ताल जारी रहेगी.
उन्होंने कहा, "हमारी मांग है की डीजल की कीमत कम होनी चाहिए, राष्ट्रीय स्तर पर सामान मूल्य निर्धारण और डीजल कीमतों में त्रैमासिक संशोधन होना चाहिए. साथ ही भारत टोल बैरियर मुक्त हो. इंश्योरेंस की ऊंची प्रमियम दरों में कमी की के साथ टीडीएस को व्यवसाय से पूरी तरह खत्म किया जाना चाहिए."
अपनी अन्य मांगों को लेकर उन्होंने कहा कि इसके आलावा रोड पर माल ले जाने के लिए लागू किया गया ई-वेबिल के नियमों में संशोधन भी किया जाए और जब तक मांगे नहीं मानी जातीं, तब तक देशव्यापी चक्का जाम जारी रहेगा. बहरहाल, इस हड़ताल से यहां के निर्यात कारोबारियों के साथ अन्य कारोबारी व्यापार में होने वाले नुकसान के लिए खासे परेशान दिखाई दे रहे हैं.