इलाहाबाद में बैंकों की हड़ताल का ज़बरदस्त असर, छह सौ करोड़ रुपए का लेन-देन होगा प्रभावित
बैंक कर्मचारी अपनी-अपनी ब्रांचों के बाहर प्रदर्शन और नारेबाजी कर अपना विरोध जता रहे हैं. इलाहाबाद में प्राइवेट बैंक के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हैं और वह भी काम नहीं कर रहे हैं. हड़ताल की वजह से आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
इलाहाबाद: वेतन में सिर्फ दो फीसदी बढ़ोत्तरी के विरोध में बैंक कर्मचारियों द्वारा आज से शुरू की गई दो दिनों की हड़ताल का इलाहाबाद में ज़बरदस्त असर देखने को मिल रहा है. यहां सभी बैंकों में आज ताले लटके हुए हैं और वहां कोई कामकाज नहीं हो रहा है. बैंक कर्मचारी अपनी-अपनी ब्रांचों के बाहर प्रदर्शन और नारेबाजी कर अपना विरोध जता रहे हैं. इलाहाबाद में प्राइवेट बैंक के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हैं और वह भी काम नहीं कर रहे हैं. हड़ताल की वजह से आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और बैंकों में ज़रूरी कामों से आए लोगों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है.
तकरीबन छह सौ करोड़ रुपए का लेन-देन ठप्प होने का अनुमान हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार ने वेतन में कम से कम पंद्रह फीसदी की बढ़ोत्तरी नहीं की तो वह लोग बेमियादी हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे. बैंक कर्मचारियों की हड़ताल से अकेले इलाहाबाद में रोज़ाना तकरीबन छह सौ करोड़ रुपए का लेन-देन ठप्प होने का अनुमान है.
बैंक कर्मचारियों का कहना है कि उनके हितों की अनदेखी कर रही है मोदी सरकार प्रदर्शनकारी बैंक कर्मचारियों का कहना है कि मोदी सरकार उनके हितों की अनदेखी कर रही है. पिछली बार साढ़े बारह फीसदी की वेतन बढ़ोत्तरी की गई थी. उन्हें पूरा यकीन था कि इस बार कम से कम पंद्रह फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी, जबकि इंडियन बैंक एसोसिएशन ने सिर्फ दो फीसदी बढ़ोत्तरी का ही प्रस्ताव दिया है. यह उन्हें किसी कीमत पर मंजूर नहीं होगा और इसके लिए वह कोई भी संघर्ष करने को तैयार हैं.
बैंक पहुंचे लोगों को लौटना पड़ा मायूस हड़ताल की सूचना पहले ही हो जाने से ज़्यादातर लोगों ने अपने ज़रूरी काम पहले ही निपटा लिए थे. इसके बावजूद जो लोग आज बैंक पहुंचे, उन्हें मायूसी तो हुई, लेकिन ज़्यादातर का यह कहना था कि सरकार को नोटबंदी के मुश्किल वक्त में दिन-रात काम करने वाले बैंक कर्मचारियों के बारे में सोचते हुए उचित फैसला लेना चाहिए.