नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की पुलिस अब एक एप के जरिए तेजी से मामलों को सुलझाने में सक्षम हो सकेगी क्योंकि उनके पास अब पांच लाख अपराधियों के डेटाबेस के साथ ही साथ कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), चेहरा पहचान सहित अन्य तकनीकी चीजें उपलब्ध होंगी. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.


इस एप्लीकेशन का नाम ‘त्रिनेत्र’ रखा गया है. लखनऊ में सालाना ‘पुलिस वीक’ में वरिष्ठ अधिकारियों के एक सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रमुख ओ पी सिंह ने इस एप को लॉन्च किया. राज्य पुलिस, कारागार विभाग और राज्य में रेल नेटवर्क की निगरानी करने वाली जीआरपी के आंकड़ों को एक जगह लाकर यह डेटाबेस तैयार किया गया है.


इस एप को विकसित करने में शामिल रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चेहरा पहचान, टेक्स्ट सर्च, बायोमेट्रिक रिकॉर्ड विश्लेषण, फोनेटिक सर्च, कृत्रिम मेधा और आपराधिक गिरोहों के विश्लेषण के जरिए किसी खास लक्षित तरीके वाली तकनीक से पुलिसकर्मियों को अब मदद मिलेगा.


सिंह ने बताया,"इस एप में राज्य के करीब पांच लाख अपराधियों का डेटाबेस है और मेरे अधिकारियों को अब विश्वसनीय और सहज तरीके से अपराधिक दस्तावेज उपलब्ध हो सकेंगे. इस एप का लक्ष्य पुलिसकर्मियों को तेजी से किसी मामले को सुलझाने में मदद देने और अपराध पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है."