पटना: संसद से तीन तलाक बिल पास होने को लकर बिहार में बीजेपी के मुसलमान नेता उत्साहित हैं तो दूसरी तरफ आरजेडी नेता इसको लेकर निशाना साध रहे हैं. वहीं जेडीयू ने कहा कि वह शुरू से इसके खिलाफ रही है और दोनों सदनों में इसका विरोध किया है. बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में जश्न मनाया गया. मुस्लिम महिलाओं ने मिठाइयां बांटीं. सभी राजनीतिक दल अपने-अपने नीतियों को जायज बता रहे हैं.


बीजेपी


बिहार बीजेपी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुहैल कादरी ने केंद्र सरकार के प्रति अपना आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज की महिलाएं जो तलाक के बाद दर-दर भटकने को मजबूर थीं, ये उनकी जीत है. इस बिल के बाद उन्हें अब दर-दर की ठोकरें नही खानी पड़ेगी.


कादरी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को बिल पास कराए जाने पर धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि यह बेहद ही सराहनीय कदम है. आज भारत की आज़ादी के बाद मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की ये सबसे बड़ी आजादी है. कादरी ने कहा कि कोई भी चीज चुनाव से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए. इस बिल के बाद मुस्लिम महिलाओं को जो सम्मान मिला है उससे मुस्लिम महिलाओं में खुशी की लहर है. वे बीजेपी को धन्यवाद कह रही हैं. उनका परिश्रम अब सफल हो गया. उन्होंने कहा कि आज बिल से सबसे ज्यादा परेशानी कांग्रेस को हो रही है. वे लोग भ्रम में न रहें और न ही फैलाएं.


जेडीयू


जेडीयू की महिला प्रकोष्ठ की प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि तीन तलाक पर और भी कई मसलें हैं. दोनों सदनों से तीन तलाक बिल पास हो गया है लेकिन शुरू से ही हमारी पार्टी उसके स्वरूप को लेकर सहमत नहीं थी. हमने दोनों सदनों में अपनी असहमति जताई. विरोध करने के बाद भी पास हो गया क्योंकि इसकी एक पूरी प्रक्रिया होती है. निश्चित रूप से उस प्रक्रिया में वो सफल रहे हैं. विपक्ष को ये कहने का अधिकार नहीं कि जेडीयू दिखावे के लिए विरोध कर रही थी.


विपक्ष की कई महत्वपूर्ण पार्टियां जिसमें पीडीपी जैसी पार्टियां शामिल हैं, ने भी वाकआउट किया है. उन्हें पहले अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है न कि ये कि जेडीयू ने क्या किया. उनको पहले अपने आप को देखना चाहिए और उनको इस तरह के सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है.


आरजेडी


आरजेडी के युवा प्रदेश अध्यक्ष कारी सुहैब ने कहा कि आरजेडी ने बिल के खिलाफ वोट किया है. हम जेडीयू नहीं है. जेडीयू ने हमेशा पीठ में छूरा घोंपने का काम किया है. 2015 के चुनाव के बाद नीतीश कुमार ने यही काम किया था. इस बार भी सदन से वाकआउट करके उन्होंने एक तरह से बीजेपी का समर्थन देने का काम किया है. इससे नीतीश कुमार क्या साबित करना चाह रहे हैं. वह बिहार के लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं. यह सीधा डॉरी एक्ट वाले मामलों जैसा हो गया है. इस तरह से कोई भी महिला जाएगी और इस एक्ट का गलत दुरुपयोग करके बर्बाद करने की साजिश करेगी लेकिन इस साजिश के बाद परिवार का क्या होगा, बच्चे सड़क पर आ जाएंगे और परिवार बिखर जाएगा. यह बिल समाज के साथ खिलवाड़ करने जैसा है.


हम पार्टी


हम के प्रवक्ता मसूद रजा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास हो गया. यह सिर्फ नरेंद्र मोदी की जीत है लेकिन मुस्लिम समुदायों की सबसे बड़ी हार है. मसूद रजा ने नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस तरह से नोटबंदी जीएसटी जैसे कानून आज विफल हो गए हैं उसी तरह से तीन तलाक बिल भी फ्लॉप हो जाएगी. उन्होंने बताया कि इस बिल के अनुसार तीन तलाक देने पर पति को तीन साल की सजा हो जाएगी तो महिला का भरण-पोषण कौन करेगा, वो तो भूखे मर जाएगी. उसका परिवार सड़क पर आ जाएगा.


हम नेता ने पूछा कि सरकार इस मसले पर क्यों नहीं सोचती है. सरकार को वैसे परिवारों के लिए तीन साल तक के लिए भरण-पोषण के बारे में सोचना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सरकार को एक बार फिर से विचार कर इस बिल को संशोधन करके वापस लाना चाहिए था. इस तरह का बिल पास करके सरकार ने मुसलमानों को गर्त में ढकेल दिया है. 90 फीसदी हिंदू भाई जानते हैं कि इस बिल से मुस्लिम महिलाओं का तुष्टिकरण हुआ है. आपने मुस्लिम महिलाओं के बारे में तो सोच लिया लेकिन हिंदू समुदाय के बारे में क्यों नहीं सोचते. रही बात चुनाव की तो इसका परिणाम नकारात्मक रहेगा.


कांग्रेस


बिहार कांग्रेस के चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हसनैन कैसर ने साफ तौर से इस बिल को बकवास करार दिया. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कहा गया था कि तीन तलाक बिल वैध है ही नहीं तो इस बिल को लाने का क्या मतलब? तीन साल की सजा होती है तो मुआवजा देना पड़ता है. मुसलमानों में तलाक की संख्या हजारों में 3.4 है और हिन्दु समुदाय में 5.4 है तो ये कैसी जीत? उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जेंडर इक्वालिटी की बात करते हैं. आज 24 लाख ऐसी हिन्दू महिलाएं हैं जो बिना तलाक के छोड़ दी गई हैं उनके बारे में हमारी सरकार की क्या राय है इसका जवाब दें. तीन तलाक कानून सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोगों को परेशान करने के लिए, उन्हें डराने धमकाने के लिए सिर्फ बनाया गया है.


समाज सेविका


वहीं समाज सेविका शकीला बानो ने इसे अच्छी पहल बताया. उन्होंने कहा कि जो कानून पास हुआ उससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता है. हमलोग बहुत खुश हैं. शकीला बानो ने कहा कि उनकी मांग है कि तीन साल तक ही नहीं बल्कि आजीवन कारावास दिया जाना चाहिए.