तीन तलाक बिल: मुस्लिम महिलाओं के हक के लिए नरेंद्र मोदी सालों से प्रयास कर रहे थे, आज वह सफल हुआ- गिरिराज सिंह
गिरिराज सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि मुस्लिम महिलाओं के हक के लिए नरेंद्र मोदी बरसों से प्रयास कर रहे थे. अब जाकर ये सफल हुआ है. उन्होंने कहा कि अब मुस्लिम महिलाएं अब आजादी, सम्मान और स्वाभिमान के लिए आगे बढ़ेंगी. बता दें कि राज्यसभा से पास होने के बाद अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून बन जाएगा.
नई दिल्ली: तीन तलाक बिल आज राज्यसभा में भी पास हो गया. इससे पहले 25 जुलाई को ये बिल लोकसभा में पास हुआ था. अब दोनों सदनों से पास हो जाने के बाद इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये बिल कानून बन जाएगा. इसे मोदी सरकार के जीत के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि राज्यसभा में बीजेपी के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं था इसके बाद भी वह इसे पास कराने में कामयाब रही थी. अब इस केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
बेगूसराय से बीजेपी के सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सालों से मुस्लिम महिलाओं को उनका हक दिलाने की कोशिश कर रहे थे. आज जाकर वह सफल हुआ है. उन्होंन ट्वीट किया, ''आज का दिन ऐतिहासिक है. देश के मुस्लिम महिलाओं के लिए श्री नरेंद्र मोदी लगातार बरसों से उनका हक दिलाने का प्रयास कर रहे थे,आज जाकर वह सफल हुआ और तीन तलाक़ बिल दोनो सदनों से पास हुआ. मुस्लिम महिलाएं अब आजादी ,सम्मान और स्वाभिमान के लिए आगे बढ़ेगी. तीन तलाक अब क्रिमिनल ऑफेंस है.''
आज का दिन ऐतिहासिक है ..देश के मुस्लिम महिलाओं के लिए श्री नरेंद्र मोदी लगातार बरसों से उनका हक दिलाने का प्रयास कर रहे थे,आज जाकर वह सफल हुआ और तीन तलाक़ बिल दोनो सदनों से पास हुआ। मुस्लिम महिलाएं अब आजादी ,सम्मान और स्वाभिमान के लिए आगे बढ़ेगी। तीन तलाक अब क्रिमिनल ऑफेंस है ।
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) July 30, 2019
बता दें कि पहली बार ये बिल साल 2017 में लोकसभा में लाया गया था. दरअसल साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने शायरा बानो केस में फैसला देते हुए तीन तलाक को असंवैधानिक घोषिक कर दिया था. इसके बाद कोर्ट ने सरकार से कहा कि संसद में वो इसपर कानून लाए. यहीं से मोदी सरकार की लड़ाई शुरु हुई. इसके बाद 28, दिसंबर, 2017 को लोकसभा में पेश किया. ये लोकसभा से तो पास हो गया लेकिन राज्यसभा से पास नहीं हो सका. इसके बाद साल 2018 में भी ये राज्यसभा से पास नहीं पाया. इसके बाद सितंबर 2018 में सरकार अध्यादेश लेकर आई. दिसंबर 2018 में ये बिल फिर राज्यसभा से पास नहीं पाया. लेकिन इस बार मोदी सरकार दोनों सदनों से इसे पास कराने में कामयाब रही.
अब बन जाएगा तीन तलाक कानून
- तीन तलाक देने वाले पति तो अधिकतम तीन साल तक की सजा.
- तीन तलाक कहने वाले पति को जेल के साथ जुर्माना भी.
- एफआईआर दर्ज होने के बाद बिना वारंट गिरफ्तारी.
- फैसला होने तक बच्चा मां के संरक्षण में रहेगा.
- आरोपी को पुलिस जमानत नहीं दे सकेगी.
- पति को पत्नी को गुजारा भत्ता देना होगा.
- मजिस्ट्रेट पत्नी का पक्ष जानने के बाद जमानत दे सकते हैं.
- तीन बार तलाक देना कानूनी अपराध.
- पीड़ित या परिवार के सदस्य एफआईआर दर्ज करा सकते हैं.
- मजिस्ट्रेट को सुलह कराकर शादी बरकरार रखने का अधिकार.