ट्रिपल तलाक धर्म का नहीं बल्कि कानून का विषय है: उमा भारती
लखनऊ: केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ‘पक्के इरादों वाला’ बताते हुए आज कहा कि गंगा सहित विभिन्न नदियों की सफाई के अलावा बुंदेलखंड में सिंचाई सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में जल्द और तेजी से कार्य शुरू होगा.
योगी से मुलाकात के बाद उमा ने कहा, ‘‘गंगा के लिए हम 7000 करोड रुपये मई अंत तक देना चाहते हैं. सिंचाई के लिए 15 से 20 हजार करोड रुपये केन्द्र मदद करना चाहता है.’’ उन्होंने विश्वास जताया कि योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब उत्तर प्रदेश में तेजी से काम होगा. गंगा सफाई को लेकर योगी बतौर सांसद भी सदन में कई बार बोल चुके हैं.
उमा ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार के विभाग मिलकर योगी के समक्ष गंगा सफाई के बारे में प्रेजेंटेशन देंगे और उम्मीद है विलंब दूर होगा और इस दिशा में कार्य जल्द ही तेजी से शुरू किया जाएगा.
गोमती रिवर फ्रंट सहित गंगा एवं अन्य नदियों से जुडी परियोजनाओं में पूर्व की सपा सरकार के समय हुए घपलों की जांच कराने के बारे में उमा ने कहा कि गोमती के बारे में जल की स्वच्छता और परियोजना की लागत बडे मुद्दे हैं. ‘‘आगे काम होगा. हम सहयोग भी करेंगे लेकिन जब तक कमियां उजागर नहीं होंगी, काम आगे नहीं बढ सकेगा इसलिए सभी घोटालों की जांच होगी और काम भी आगे बढेगा.’’ केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड में विकास परिषद का गठन जल्द किया जाएगा. वहां बुंदेलों और चंदेलों के समय से तालाब हैं. सूखे के निदान के लिए और पेयजल मुहैया कराने के लिए इन तालाबों को परस्पर संबद्ध करना होगा.
योगी की तारीफ करते हुए उमा ने कहा कि उनका मुख्यमंत्री बनना युग परिवर्तन है. प्रदेश की जनता में खुशी का संचार है. ‘‘योगी मजबूत और पक्के इरादों वाले व्यक्ति हैं. वह गरीबों के लिए काम करते आये हैं. पूर्व में भी बतौर सांसद हम उनकी प्रशासनिक क्षमता को देख चुके हैं.’’ तीन तलाक पर उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज में तलाक की व्यवस्था एक करार है. यह धर्म का नहीं बल्कि कानून का विषय है. समाज में हमेशा सुधार की गुंजाइश रहती है. तीन तलाक मानवता के खिलाफ है और हमें उम्मीद है कि जल्द ही इसका रास्ता निकलेगा.
अलग बुंदेलखंड बनाने के प्रस्ताव पर उमा भारती ने कहा कि पहले राज्य पुनर्गठन आयोग बनाया जाएगा. उसके बाद बुंदेलखंड को लेकर प्रस्ताव जाएगा. हमारी सरकार छोटे राज्यों की पक्षधर रही है. दरअसल बुंदेलखंड क्षेत्र दो राज्यों में पडता है. मध्य प्रदेश की तरफ वाली बुंदेलखंड की जनता अलग राज्य के लिए तैयार नहीं है. पहले इसका निदान खोजना होगा.