नई दिल्ली: वायरल सच में आज बात करेंगे एक तस्वीर की जिसने उत्तर प्रदेश में हलचल मचा रखी है. तस्वीर और उससे जुड़ी कहानी जान कर आप भी हैरान हो जाएंगे. सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के नए-नवेले सीएम आदित्यनाथ के हमशक्ल की तस्वीर वायरल हो रही है. वाराणसी में गेरूआ वस्त्र धारण किए लाल बत्ती वाली गाड़ी में घूमते शख्स को सीएम योगी का हमशक्ल बताया जा रहा है. चलिए पता लगाते है वाराणसी में सीएम योगी के अवतार का वायरल सच क्या है?


लाल बत्ती गाड़ी की आवाज सुनते ही हम चौकन्ने हो जाते हैं. हमारी नजरें आस-पास किसी वीआईपी को तलाशने लगती हैं. दावा है कि ऐसी ही आवाज जब प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सुनाई दी तो लोग चौंकन्ने हो गए और अपने-अपने घरों से बाहर आकर ये देखने लगे कि उनके शहर में चुनाव खत्म होने के बाद अब कौन आया है?



ये है सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर. वीआईपी गाड़ी पर लाल बत्ती लगी हुई है. गाड़ी की फ्रंट सीट पर गेरूआ वस्त्र पहने कोई बैठा दिखाई देता है, गले में फूलों की माला है औऱ माथे पर लाल टीका.चारों तरफ बॉडीगार्ड और सुरक्षाकर्मियों की भीड़ है. दावा है कि ये काफिला जब वाराणसी पहुंचा तो लोगों में अफरा-तफरी मच गई क्योंकि ये सारी चीजें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के होने का इशारा कर रही थी.


सावधान! लालबत्ती में घूम रहा है सीएम योगी का हमशक्ल


सोशल मीडिया पर इस तस्वीर शेयर करते हुए लोग लिख रहे हैं- सावधान! लालबत्ती में घूम रहा है सीएम योगी का हमशक्ल. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बहरूपिए को फर्जी लालबत्ती लगी गाड़ी में बैठाकर एक संगठन ने खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाई. इस दौरान माइक से चिल्ला-चिल्लाकर गाड़ी में बैठे बहरूपिए को सीएम योगी आदित्यनाथ बताया गया.


तस्वीर भी आपने देख ली और मैसेज भी लेकिन मामला समझ नहीं आ रहा था कि आखिऱ वाराणसी में हो क्या रहा है. क्या सच में कोई सीएम योगी का हमशक्ल है जो लाल बत्ती की गाड़ी में घूम रहा है? या फिर ये कोई बहरूपिया है जो सीएम योगी जैसे दिखने का फायदा उठा रहा है?



क्या वाराणसी में लाल बत्ती वाला कोई काफिला निकला था ?


वायरल तस्वीर से उठे सवालों का जवाब जानने के लिए ABP न्यूज ने पड़ताल शुरू की. मामला वाराणसी का बताया जा रहा था इसलिए सबसे पहले हम वाराणसी पहुंचे और ये पता लगाने की कोशिश की क्या वाराणसी में लाल बत्ती वाला कोई काफिला निकला था. हमारी पड़ताल में सामने आईं ये तस्वीरें...गाड़ी में गेरूआ चोले में एक शख्स बैठा है. गाड़ी के ऊपर लाल बत्ती लगी है वो भी फूलों से सजी हुई, पीछे गाने चल रहे हैं, दूसरी गाड़ी पर नीली बत्ती लगी है. ये सब देख कर कोई भी धोखा खा सकता है. लेकिन माजरा है क्या ?


दरअसल ये तस्वीरे 29 मार्च की हैं जब वाराणसी के सिंधी समाज के लोगों ने झूले लाल जयंती के अवसर पर झांकियां निकाली थी. उसी में सीएम योगी की भी झांकी निकाली गई थी. अब सवाल ये उठता है कि क्या सिर्फ झांकी सजाने के लिए गाड़ी में लाल-नीली बत्ती लगाई गई थी? ये जानने के लिए हम सिंधी समाज के अध्यक्ष दिलीप तुलस्यान के पास पहुंचे और पूछा कि आपने झांकी में लाल बत्ती का इस्तेमाल क्यों किया था?


योगी जी से प्रभावित होकर छोटे बच्चों ने निकाली थी झांकी


झांकी में लाल और नीली बत्ती के प्रयोग पर उन्होंने कहा कि झांकी में किसी प्रकार कि लाल और नीली बत्ती का प्रयोग नहीं किया गया था. मोदी जी के बाद यूपी में योगी जी से प्रभावित होकर अमर नगर के छोटे बच्चों ने एक झांकी निकाली थी. जब झांकी अमर नगर से निकली तो उसमें लाल और नीली बत्ती लगाईं गई थी लेकिन सड़क पर आते ही हटा दिया ताकि कानून का उल्लंघन ना हो.


लाल-नीली बत्ती की गाडियां कहां से आई ये तो पता नहीं चल पाया लेकिन ये साफ हो गया था कि गाड़ी में एक शख्स को सीएम योगी की तरह सजा कर बैठाया गया था. लेकिन उसका मकसद झांकी को सजाना था, लोगों में हड़कंप मचाना नहीं. हमारी पड़ताल में वायरल मैसेज झूठा साबित हुआ है.