झांसी: झांसी में एक नया प्रयोग देखने को मिला है. इसके तहत पांच थानों में अतिरिक्त निरीक्षक की तैनाती की गई है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने कई इंस्पेक्टर्स के ट्रांसफर किए हैं. अपराध नियंत्रण के लिए ये नया प्रयोग पहली बार हुआ है. जनपद में महिला थाने समेत कुल 26 थाने हैं.एसएसपी द्वारा थानेदारों के ट्रांसफर और पोस्टिंग की जाती है. छोटे थानों में डीआईजी द्वारा अनुमोदित उप निरीक्षक को चार्ज दे दिया जाता है. जबकि कोतवाली जैसे बड़े थानों में निरीक्षक ही तैनात किए जाते हैं.



जनपद में पहली बार पांच थानों में अतिरिक्त इंस्पेक्टर तैनात किए गए हैं. जबकि वहां पहले से ही इंस्पेक्टर्स थाना इंचार्ज बने हुए थे. इसलिए चर्चाएं शुरू हो गईं कि क्या अपराध रोकने के लिए एसएसपी ने ऐसा कदम उठाया है या फिर पुलिसिंग में सुधार के लिए ऐसा किया गया है.


सेवानिवृत्त एएसपी का कहना है
इस मामले में झांसी में 2016 तक एसपी सिटी रहे अवधेश कुमार ने बताया कि दिल्ली में एक थाने में दो-दो एसएचओ हैं. इससे कानून व्यवस्था संभालने में सहूलियत होती है. इस कदम से पुलिस का तनाव कम होता है. इससे कई तरह के फायदे होंगे. पहला तो ये कि  इंचार्ज रात्रि ड्यूटी में आराम भी कर सकेगा. अपने बच्चों को समय दे सकेगा. उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसी कोई नौकरी नहीं है जिसमें दिनभर काम करने के बाद रात दो तीन बजे तक जागरण किया जाए.




यही कारण है कि सेवानिवृत्त होने के बाद पुलिस वाले जल्दी मर जाते हैं.  ऐसी व्यवस्था से वह लंबा जीवन सकेंगे. लंबित पड़े मामलों मदद मिलेगी. हां अगर तालमेल नहीं होगा तो फिर दिक्कतें भी आएंगी. क्योंकि ओहदे में थ्री स्टार एक दूसरे के बराबर होंगे. यहां जूनियर सीनियर नहीं चलेगा. उन्होंने बताया कि रिटायरमेंट के दिन तक उन्हें खुद रात 3 बजे तक जागना पड़ता था.


वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि प्रमोशन के बाद इंस्पेक्टर्स की संख्या बहुत ज्यादा हो गई थी. इसलिए थाना नवाबाद, थाना सदर बाजार, थाना प्रेमनगर , सिटी कोतवाली और थाना कटेरा में अतिरिक्त इंस्पेक्टर तैनात कर दिए गए हैं. इन्हें काम तो देना ही था.