अयोध्या: शनिवार को भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या पहुंचे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे रविवार सुबह करीब नौ बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अपनी पत्नी रश्मि और बेटे आदित्य ठाकरे के साथ पीछे के द्वार से पहुंच कर रामलला के दर्शन किए और राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास को मंदिर निर्माण के लिए चांदी की ईंट भेंट की.
राम मंदिर मुद्दे पर शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को कुंभकर्ण बता चुके शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह करीब नौ बजे अपनी पत्नी रश्मि ठाकरे व बेटे आदित्य ठाकरे के साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्थ के बीच पीछे के द्वार से प्रवेश कर रामलला के दर्शन किए और राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास को मंदिर निर्माण के लिए चांदी की ईंट भेंट की.
चुनाव प्रचार में नहीं होना चाहिए मंदिर मुद्दे का इस्तेमाल: ठाकरे
उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान मंदिर मुद्दे का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए और हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ भी नहीं किया जाना चाहिए. ठाकरे ने कहा, 'चुनाव प्रचार के दौरान राम मंदिर मुद्दे का इस्तेमाल ना करें ... हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ ना करें.' उन्होंने कहा कि दिन, साल और पीढ़ियां बीती जा रही हैं लेकिन राम लला का मंदिर नहीं बन रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यहां मंदिर था, है और रहेगा. ये तो हमारी भी भावना है. 'लेकिन वह मंदिर दिखेगा कब? उसका जल्द से जल्द निर्माण होना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि अब लोकसभा चुनाव के लिए कुछ ही महीने बाकी हैं. संसद का केवल एक सत्र बचा है. सरकार अध्यादेश लाये. शिवसेना हिन्दुत्व के लिए हमेशा से साथ दे रही है और आगे भी देगी. 'चाहे कानून लाइये या अध्यादेश, लेकिन मंदिर अवश्य बनाइये.' ठाकरे ने कहा कि हिन्दू आज पूछ रहा है कि मंदिर कब बनेगा. साथ ही शिवसेना प्रमुख ने साफ किया कि वह राजनीति करने के लिए अयोध्या नहीं आये हैं और ना ही उनका कोई छिपा एजेंडा है.
उन्होंने कहा, 'मैं बीजेपी से सवाल यही पूछ रहा हूं कि जब आप चुनाव प्रचार कर रहे थे तो कहते थे कि संविधान के दायरे में हर संभावना तलाश की जाएगी ... पिछले चार साल में कितनी संभावना तलाशी गयी? कब उस संभावना की तलाश करेंगे?' ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय मिली जुली सरकार थी. उस समय ये काम नहीं हो सका, लेकिन वर्तमान सरकार मजबूत है और ये सरकार मंदिर निर्माण नहीं करेगी तो कौन करेगा? ये सरकार मंदिर नहीं बनाएगी तो शायद ये सरकार भी नहीं बनेगी, लेकिन... मंदिर अवश्य बनेगा.
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