नई दिल्ली: बीजेपी को ऐतिहासिक जीत उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली और पार्टी का भविष्य 2019 में होनेवाले लोकसभा चुनाव में उज्जवल माना जा रहा है. इस उज्जवल भविष्य के पीछे जिस एक बड़ी योजना का अहम योगदान रहा है वो है प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना. एबीपी न्यूज ने इसी साल गोरखपुर से एक रिपोर्ट दिखाई थी जिसमें बताया गया था कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत बांटी गई मुफ्त गैस सिलिंडर से किस तरह गरीब परिवारों की जिंदगी में बदलाव आया है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी में जहां कहीं चुनाव प्रचार में गए वहां उन्होंने उज्ज्वला योजना का ना सिर्फ बखान किया बल्कि उसके पूरे यूपी में जारी रखने का भी भरोसा दिया. पीएम मोदी के इस दावे का असर यूपी के चुनाव परिणाम पर साफ देखने को मिला. किस तरह उज्ज्वला योजना ने प्रधानमंत्री मोदी की झोली को वोटों से भर दिया, हम इसे आंकड़ों से समझते हैं.

इलाहाबाद में 1 लाख 66 हजार 230 गैस सिलिंडर गरीबों में बांटे गए. इलाहाबाद में बीजेपी को 12 में से 9 सीटों पर जीत मिली. बहराइच में एक लाख पैंतीस हजार तीन सौ सत्तावन गैस कनेक्शन बांटे गए जहां 7 में से 6 सीटें बीजेपी के खाते में गईं. गोंडा के एक लाख 24 हजार गरीब परिवारों को एलपीजी सिलिंडर मिले. यहां से बीजेपी को 7 में से 7 सीटें मिलीं. सीतापुर में कुल दो लाख नौ हजार 731 गैस कनेक्शन दिये गए और यहां बीजेपी को मिली 9 में 7 सीटें.

कुशीनगर में दिये गए एक लाख 76 हजार 33 गैस कनेक्शन, बीजेपी की झोली में 7 में से 6 सीटें आई. लखीमपुर खिरी में मिली 8 में से 8 सीटें जहां एक लाख 50 हजार 84 गैस सिलिंडर बांटे गए. उन्नाव में दिये गए 1 लाख 26 हजार 422 गैस कनेक्शन और यहां बीजेपी को 6 में से 5 विधानसभा सीटों पर सफलता मिली. गोरखपुर में एक लाख 22 हजार 818 गैस कनेक्शन दिये गए और यहां बीजेपी ने 9 में 8 सीटों पर अपना परचम लहराया. फैजाबाद में 83 हजार 327 गैस कनेक्शन और यहां से बीजेपी ने जीती 5 की 5 सीटें.

यूपी विधानसभा चुनाव से करीब 1 साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के बलिया में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का आगाज किया था. इसके तहत गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले पांच करोड़ परिवारों को तीन साल के भीतर मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने की शुरुआत हुई. याद कीजिये उस दौरान प्रधानमंत्री मोदी विज्ञापनों के जरिये आर्थिक रूप से सक्षम लोगों को अपनी गैस सब्सिडी छोड़ने का आग्रह करते. इसके साथ ये आश्वासन सब्सिडी छोड़ने वालों को दिया जाता कि छोड़ी हुई सब्सिडी से गरीबों के घर में गैस चूल्हा जलेगा. इसे प्रचारित करने के लिए सरकार ने अमिताभ बच्चन से भी विज्ञापन करवाया. इन प्रयासों का असर ये हुआ कि एक करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने अपनी गैस सब्सिडी छोड़ दी.

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत यूं तो गैस सिलिंडर पूरे देश के गरीबों के बीच बांटे जा रहे थे लेकिन सबसे ज्यादा जोर उत्तर प्रदेश में था. पूरे देश में बांटे गए कुल 1 करोड़ 80 लाख गैस कनेक्शन में अकेले उत्तर प्रदेश में 55 लाख बांटे गए.

इलाहाबाद के कैंट इलाके की सर्वेंट कालोनी में रहते हैं ओम प्रकाश और उनकी पत्नी बरखा. गरीबी की वजह से सात महीने पहले तक उनके घर में स्टोव पर खाना पकता था, लेकिन पिछले साल सितम्बर महीने में उन्हें मोदी सरकार की उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन मिला. उसके बाद उनका समय बचने लगा और धुआं से भी परिवार को मुक्ति मिली. ईधन पर भी अब कम पैसे खर्च करने पड़ते हैं. ओम प्रकाश का घर पूरी तरह से मोदीमय हो चुका है.

पिछले साल जब ये योजना शुरू हुई तभी से मोदी विरोधियों को ये डर सताने लगा था कि उज्ज्वला योजना कहीं उनकी सियासी जिंदगी में अंधेरा ना ले आए. शनिवार को जिस तरह के चुनाव परिणाम आए उसे देख कर तो ऐसा ही लगता है.

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आकड़ें लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.