देवबंद के उलेमा का संस्कारी फरमान, 'डीजे और बैंड बाजा वाले शादी में नहीं पढ़ाएंगे निकाह'
मुस्लिम शादी में बैंड बाजा और डीजे की धुन पर थिरकने वाले लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. उलेमा-ए-कराम ने दो टूक कहा कि अब वह उन विवाह समारोह में निकाह नहीं पढ़ाएंगे जिनमे डीजे और बैंड बाजे बजाएं जाएंगे. उलेमाओं ने इसे शरई मान्यताओं के विरूद्ध बताया है.
देवबंद: मुस्लिम शादी में बैंड बाजा और डीजे की धुन पर थिरकने वाले लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. यूपी के देवबंद शहर के उलेमा अब मुस्लिम विवाह समारोह में डीजे और बैंड बाजे बजाने के विरोध में उतर आएं हैं. उलेमा-ए-कराम ने दो टूक कहा कि अब वह उन विवाह समारोह में निकाह नहीं पढ़ाएंगे जिनमे डीजे और बैंड बाजे बजाएं जाएंगे. उलेमाओं ने इसे शरई मान्यताओं के विरूद्ध बताया है.
We won't conduct 'Nikah' in weddings where music and dance is happening and DJ is there.This is against Islam,will boycott such weddings.If the music and dance happened before the nikah ceremony and qazi didn't know then its different: Mufti Azhar Hussain,City Qazi #Deoband pic.twitter.com/RNYLqgLrbQ
— ANI UP (@ANINewsUP) April 2, 2018
नायब शहर काजी मुफ़्ती अजफर हुसैन मियां ने कहा कि वह उन विवाह समारोह में निकाह नहीं पढ़ाएंगे जहां डीजे और बैंड बाजा बजने के साथ-साथ नाच गाना होगा. रविवार को नायब शहर काजी मुफ़्ती अजफर हुसैन मियां के आवास पर आयोजित उलेमा की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ऐसे समारोह में निकाह न पढ़ाया जाए. क्योंकि शरीयत में गाना बजाना नाजायज है. उन्होंने मुस्लिमों से समाज में फैल रही कुरीतियों से दूर रहने का आह्वान किया.