इलाहाबाद: यूपी में एसपी-बीएसपी के बीच हुए चुनावी समझौते से बीजेपी चिंतित है. केंद्र की मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री और बीजेपी की सहयोगी पार्टी आरपीआई के अध्यक्ष रामदास अठावले ने मायावती से अखिलेश यादव का साथ छोड़कर बीजेपी से समझौता करने की अपील की है.


अठावले ने इलाहाबाद में मीडिया के ज़रिये मायावती को बीजेपी के साथ दोस्ती करने का ऑफर दिया है तो साथ ही यह भी कहा है कि अगर मीडिया के जरिये हुई इस अपील पर मायावती की तरफ से कोई सकारात्मक जवाब आता है तो वह उनसे सीधे मुलाकात कर उन्हें इसके लिए तैयार करने की भी कोशिश करेंगे.

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अठावले के मुताबिक़ मायावती ने अपने पुराने दुश्मन से समझौता कर ठीक सियासी कदम नहीं उठाया है और शायद उन्होंने यह कदम पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी फैक्टर की वजह से पार्टी का खाता नहीं खुलने की वजह से उठाया था.

अठावले का कहना है कि मायावती ने बीजेपी के साथ मिलकर यूपी में तीन बार सरकार बनाई है. 2019 में भी मोदी सरकार का आना तय है, ऐसे में मायावती को अखिलेश यादव का साथ छोड़कर बीजेपी से दोस्ती करनी चाहिए और एनडीए का हिस्सा बन जाना चाहिए.

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इलाहाबाद में मीडिया से बात करते हुए रामदास अठावले ने बताया कि उनकी सरकार सरकारी नौकरियों के प्रमोशन में आरक्षण को कानूनी जामा पहनाने के लिए अठारह जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में बिल लाने जा रही है.

अगर किन्हीं वजहों से मानसून सत्र में यह बिल पेश नहीं हो पाया तो उसे शीतकालीन सत्र में जरूर लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की मंशा किसी तरह के आरक्षण को ख़त्म करने की नहीं है.

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रामदास अठावले ने गरीब सवर्णों को पचीस फीसदी आरक्षण दिए जाने की भी वकालत की है. उनका कहना है कि इस बारे में वह कैबिनेट की बैठकों में भी अपना सुझाव दे चुके हैं. इस बारे में संसद में क़ानून बनाकर गरीब सवर्णों को आरक्षण दिया जा सकता है.