गोरखपुर: शादी का निमंत्रण देने और स्वीकारने वाले लिए खास महत्व रखता है. लेकिन शादी का निमंत्रण लोगों को कुछ सीख दे, तो भला इससे बेहतर और क्या हो सकता है. एक शिक्षक ने अपनी शादी के कार्ड पर "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" का संदेश छपवाकर नजीर पेश की है.



गोरखपुर के ग्राम भरपही के रहने वाले नूरुलहोदा के बेटे मो. अकील पेशे से संतकबीरनगर जिले के एक इंटर कॉलेज में शिक्षक हैं. उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से भूगोल विषय से एमए करने के बाद मेरठ से बीएड किया है. वे संतकबीरनगर जिले के मौलाना आजाद इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक हैं. अकील की दो बहनें निकहत और नूरजहां के अलावा एक भाई खलीलुर्रहमान शिक्षामित्र हैं.

जब उनकी शादी तय हुई तो उन्होंने कुछ अलग करने की सोची. उन्होंने ये बात अपने घरवालों से साझा की. घरवालों ने उनकी पहल का स्वागत किया. उन्होंने अपनी शादी के कार्ड पर "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ", का संदेश देकर बेहतरीन पहल की है. अकील का निकाह 17 नवंबर को संतकबीरनगर जिले की रहने वाली नाहिद से होना है. दोपहर में उनकी बारात जाएगी. दावत-ए-वलीमा उनके गांव सहजनवां के भरपही में 18 नवंबर होगा.


अकील के मन में ये बात आई कि जब सरकार बेटियों को बचाने और पढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक कर सकती हैं, तो वे भी इस काम में कुछ योगदान दें. इसी वजह से उन्होंने शादी के कार्ड पर ये संदेश छपवा दिया. जिससे समाज को सीख मिल सके.

उन्हें ये महसूस हुआ कि उसी संदेश को मौजूदा सरकार भी अमल में लाकर जागरुकता अभियान चला रही है. तो क्यों न खुद भी अनोखी पहल कर इस अभियान का हिस्सा बना जाएं. बस उसके बाद उन्होंने शादी के कार्ड पर "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" का संदेश छपवा दिया. इनकी होने वाली पत्नी नाहिद भूगोल से परास्नातक हैं. पति की तरह वे भी शिक्षक बनकर समाज गरीब परिवार के बच्चों को शिक्षित करना चाहती हैं.



शादी में लोगों को निमंत्रण देने के लिए इन्होंने 500 कार्ड छपवाया था. वे कार्ड पर ये संदेश छपवाकर अपने समाज की लड़कियों के परिजनों को उनकी तालीम के प्रति जागरूक भी करना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य है कि जिन लोगों के पास शादी का कार्ड पहुंचे, वे निमंत्रण के साथ इस संदेश को भी अपने जीवन में उतारें. अकील के प्रयास को सभी सराह रहे हैं.