देवरियाः ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जो कुछ अलग कर समाज को सीख देने की कोशिश करते हैं. लेकिन, जो लोग कुछ अलग कर समाज को सीख देते हैं, वो नजीर भी बन जाते हैं. यूपी के देवरिया शहर के एक नव दंपत्ति ने भी निकाह के बाद कुछ ऐसा ही किया, जो नजीर बन गया. निकाह के बाद ये जोड़ा सीधे ब्‍लड बैंक पहुंचा और रक्‍तदान कर लोगों को जागरूक करने के लिए अनोखी पहल की. दूल्‍हे के साथ आए आधा दर्जन बारातियों ने भी रक्‍तदान किया.


बिहार के भागलपुर के रहने वाले शमी अख्‍तर खान पेशे से नेत्र चिकत्सिक हैं. उनका निकाह गोरखपुर के निजामपुर की रहने वाली नजमा नफीस के साथ सोमवार को हुआ. निकाह के बाद बारातियों की विदाई हो गई. वे निकाह के बाद देर शाम देवरिया पहुंचे और वहां पर ब्‍लड बैंक में दूल्‍हा-दुल्‍हन ने रक्‍तदान किया. रेडक्रास सोसाइटी से जुड़े प्रसन्‍न श्रीवास्‍तव ने ब्‍लड बैंक में रक्‍तदान के सारे इंतजाम करा दिए. वहां नवदंपति ने रक्तदान किया. इसकी जानकारी होने पर देवरिया के डीएम अमित किशोर और एसपी एन. कोलांची समेत कुछ चिकित्‍सक भी पहुंच गए और दोनों को इस नेक कार्य के लिए बधाई भी दी. नवदंपत्ति के फैसले से उत्साहित शमी के चाचा और भाई समेत आधा दर्जन बारातियों ने भी रक्तदान किया.


शमी अख्तर खान एक संस्था की ओर से देवरिया जिले के सीएचसी लार पर आप्ट्रोमेट्रिस्ट पद पर तैनात हैं. शमी बताते हैं कि एक साल पहले उनके पिता एनामुल खान की लीवर कैंसर से मौत हो गयी थी. उनके इलाज के दौरान ब्लड को लेकर उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी. उन्‍हें लगा कि एक यूनिट ब्‍लड से जब चार-चार जिंदगियां बचाई जा सकती हैं, तो क्‍यों न कुछ ऐसा किया जाए जिससे समाज में ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग रक्‍तदान के प्रति प्रेरित हो सकें. बस फिर क्‍या था शमी ने इसके लिए अपने निकाह के दिन को ही चुना और विदाई के बाद रात सवा नौ बजे वे देवरिया पहुंचते ही वे सीधे ब्‍लड बैंक पहुंच गए.


नवदंपत्ति के रक्तदान से प्रेरणा लेकर उनके चाचा जफरूल खान, छोटे भाई अफान खान और आधा दर्जन बारातियों ने भी रक्तदान किया. डीएम अमित किशोर, एसपी एन. कोलांची, सीएमओ डा.धीरेन्द्र कुमार, सीएमएस डॉ. छोटेलाल, बाल रोग विशेषज्ञ डा. आरके श्रीवास्तव, डा. सौरभ द्विवेदी, केके सिन्हा, मनोज कुमार उपाध्याय, तेज प्रजभान प्रसाद, विजेन्द्र राय लबली ने नव दंपत्ति को ब्‍लड बैंक पहुंचकर शुभकामनाएं दी.


नव दंपत्ति की अनोखी पहल की जहां सभी लोग सराहना कर रहे हैं. तो वहीं ऐसे लोगों की पहल से रक्‍तदान को लेकर समाज में फैली हुई भ्रांतियों को भी बहुत हद तक खत्‍म करने में मदद मिल सकती है.