अयोध्या मुद्दे पर विधेयक या अध्यादेश लाया जाना असंवैधानिक: पी चिदंबरम
चिदंबरम ने कहा,‘‘मेरे विचार से कोई अध्यादेश लाया जाना असंवैधानिक होगा. इसलिए देखते हैं कि सरकार संवैधानिक स्थिति को पहचानती है या यह एक साहसी कार्रवाई में शामिल होती है. अपील लंबित होने पर एक अध्यादेश लाया जाना एक साहसिक कार्रवाई होगी. यह असंवैधानिक होगा.’’
नयी दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के जल्द निर्माण के लिए कानून लाये जाने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने अपनी राय रखी है. चिदंबरम ने गुरूवार को कहा कि सरकार द्वारा लाया गया कोई भी अध्यादेश या संसद में पारित विधेयक असंवैधानिक होगा क्योंकि मामला विचाराधीन है.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अपील लंबित होने के बीच कोई अध्यादेश या कानून लाया जाना एक ‘‘साहसी कार्रवाई’’ होगी.
उन्होंने कहा,‘‘मेरे विचार से कोई अध्यादेश लाया जाना असंवैधानिक होगा. इसलिए देखते हैं कि सरकार संवैधानिक स्थिति को पहचानती है या यह एक साहसी कार्रवाई में शामिल होती है. अपील लंबित होने पर एक अध्यादेश लाया जाना एक साहसिक कार्रवाई होगी. यह असंवैधानिक होगा.’’
चिदंबरम ने कहा,‘‘मेरे विचार में एक अध्यादेश असंवैधानिक होगा. एक विधेयक भी असंवैधानिक होगा. सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने पर आप हाई कोर्ट के फैसले को किनारे करने के लिए विधेयक पारित नहीं कर सकते हैं. कानून की यही मेरी समझ है. मैं सही हो सकता हूं, मैं गलत हो सकता हूं.’’ बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि देश में बहुसंख्यक समुदाय रामजन्म भूमि विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट के जल्द फैसले की रहा देख रहा है. उन्होंने कहा कि 'न्याय मिलने में देरी अन्याय के समान' है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई जनवरी 2019 तक टालने के बाद आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, "समय पर मिला न्याय, उत्तम न्याय माना जाता है लेकिन न्याय में देरी कभी-कभी अन्याय के समान हो जाती है." उन्होंने कहा कि देश में बहुसंख्यक समुदाय और शांतिप्रिय लोग जल्द से जल्द फैसले और अपनी भावनाओं का सम्मान होने की राह देख रहे हैं.