लखनऊ: उन्नाव गैंगरेप और उसके पिता की मौत मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज स्वत: संज्ञान लिया है. इस मामले में चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और जस्टिस सुनीत कुमा की डिवीजन बेंच ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से रिपोर्ट तलब की है. साथ ही एडवोकेट जनरल या एडिशनल एडवोकेट जनरल को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के लिए कहा है. अब हाईकोर्ट कल सुनवाई करेगा.


अदालत ने पीड़ित के पिता का अंतिम संस्कार न होने पर शव को सुरक्षित रखने के लिए कहा है. अदालत ने कहा, ''अगर अंतिम संस्कार नहीं हुआ है तो उस पर रोक लगे.'' महिला ने बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर पर गैंगरेप और पिता की हत्या के आरोप लगाए हैं.


इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की भारी लापरवाही सामने आई है. पीड़िता का कहना है कि बीजेपी नेता के दबाव में पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. हालांकि, गैंगरेप पीड़िता के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ स्थित आवास के बाहर सुसाइड की कोशिश और उसके बाद पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत पर मीडिया कवरेज के बाद पुलिस जागी.


उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और अन्य लोगों के खिलाफ दुष्कर्म के आरोपों और लड़की के पिता की मौत के मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी)  का गठन किया है.


एसआईटी आज सीएम को सौंपेगी रिपोर्ट


एसआईटी का नेतृत्व कर रहे लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्णा आज उन्नाव पीड़िता के घर पहुंचे. जहां उन्होंने घरों का मुआयना किया. एसआईटी आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंपेगी. सीएम योगी ने पिछले दिनों कहा था की इस मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. हालांकि विधायक अब भी गिरफ्तारी से बाहर है.


पीड़िता के जान को खतरा


पीड़िता और उसके परिवार वालों ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर से जान को खतरा है. अगर वह अपन गांव जाएंगे तो वहां उनके समर्थक मार डालेंगे. सरकार विधायक को बचा रही है. इसलिए वो बेखौफ हैं.


पत्नी बचाव में उतरी


आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी ने आज डीजीपी से मुलाकात की और कहा कि पीड़ित का परिवार झूठ बोल रहा है. नार्को टेस्ट होना चाहिए. पीड़ित का परिवार अपराधों में शामिल रहा है. विधायक समर्थकों ने नहीं बल्कि दूसरे लोगों ने पीटा.


निचली अदालत में सुनवाई
विधायक पर रेप का केस दर्ज करने की पीड़िता की याचिका पर उन्नाव की जिला अदालत कल सुनवाई करेगी. वहीं सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दाखिल की गई है. एडवोकेट एमएल शर्मा ने अपनी याचिका में 3 करोड़ रुपये के मुआवजे और पीड़िता के परिवार को सुरक्षा देने की मांग की है. शर्मा ने कहा कि इस मामले को सीबीआई के पास जांच के लिए भेजा जाना चाहिए, ताकि सही निष्पक्ष जांच हो सके.

गैंगरेप और उसके पिता की मौत मामले में पुलिस ने उन्नाव के माखी थाना गृह अधिकारी और पांच हवलदार सहित छह कर्मियों को निलंबित किया है. और सेंगर के भाई अतुल सिंह व उसके चार सहयोगियों - बाऊ, विनीत, शैलू और सोनू को गिरफ्तार किया है.


अतुल सिंह और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि उसने पुलिस की मौजूदगी में रविवार को पीड़िता के पिता की पिटाई की गई, जिससे उनकी पुलिस स्टेशन में मौत हो गई.


इस घटना ने राज्य में एक राजनीतिक तूफान सा खड़ा कर दिया है. समाजवादी पार्टी, बीएसपी, कांग्रेस और वामदल ने एक साल पहले बनी योगी सरकार के रवैये पर सवाल उठाए हैं. जनता में भी इसपर भारी आक्रोश देखा जा रहा है.