लखनऊ: उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के चाचा को 18 घंटे की पेरोल मिली है. ये पेरोल उन्हें अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मिली है. रविवार को उन्नाव गैंगरेप पीड़िता अपनी मौसी और चाची के साथ अपने चाचा से मिलने जा रही थी तभी रायबरेली में हुई एक सड़क दुर्घटना में चाची और मौसी की मौत हो गई. हादसे के बाद से गैंगरेप पीड़िता और उनके वकील वेंटीलेटर पर हैं.


उन्नाव के गंगाघाट कोतवाली इलाके के बालूघाट में आज उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की चाची का अंतिम संस्कार होगा. कड़ी सुरक्षा के बीच शव गांव पहुंचा है. रायबरेली जेल से चाचा को सीधे गंगाघाट लाया जाएगा. इधर पीड़िता के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. जिला प्रशासन ने रास्ते और घाट पर सुरक्षा के इंतजाम किए हैं.


आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने परिजनों की याचिका पर पत्नी का अंतिम संस्कार करने के लिए पीड़िता के चाचा को 18 घंटे की पेरोल दी है. फिलहाल पुलिस उन्हें लेकर रवाना हो चुकी है. इससे पहले पीड़ित परिवार ने चाचा की रिहाई के लिए सरकार से गुहार लगाई थी और कुछ देर के लिए अस्पताल के बाहर ही धरना भी दिया था.


सुप्रीम कोर्ट को भेजी थी चिट्ठी


पीड़िता के कार दुर्घटना में बुरी तरह जख्मी होने से कुछ दिन पहले ही उसके परिजनों ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र लिखकर इस मामले के आरोपियों द्वारा कथित रूप से धमकी दिये जाने और उनसे अपनी जान को खतरा होने की आशंका व्यक्त की थी. उच्चतम न्यायालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पीड़िता के परिजनों द्वारा हिन्दी में लिखा गया यह पत्र प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय में प्राप्त हुआ था. प्रधान न्यायाधीश ने सेक्रेटरी जनरल को इस पत्र के आधार पर एक नोट तैयार कर पेश करने का आदेश दिया है.


पीड़िता और वकील की स्थिति अभी भी गंभीर


लखनऊ में केजीएमयू ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों के मुताबिक, 19 वर्षीया रेप पीड़िता अभी भी वेंटिलेटर पर है. मंगलवार रात उसकी हालत को ‘स्थिर’ बताया गया. वकील भी वेंटिलेटर पर हैं. आपको बता दें कि यूपी पुलिस ने दुर्घटना मामले में सोमवार को सेंगर और नौ अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था. उत्तरप्रदेश के बांगरमऊ से चार बार के विधायक सेंगर को पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था.