उन्नाव गैंगरेप मामला: अब सीबीआई भी सवालों के घेरे में, मनमाने तरीके से FIR दर्ज करने का आरोप
पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने मनमाने तरीके से एफआईआर दर्ज की है, जो उसकी तहरीर से बिल्कुल अलग है.पीड़िता की मां ने सीबीआई की अब तक की जांच से भी असंतुष्टि जताई है.
उन्नाव: उन्नाव के चर्चित गैंगरेप और मर्डर केस में यूपी पुलिस के बाद अब नई जांच एजेंसी सीबीआई भी सवालों के घेरे में हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार ने आज सीबीआई की जांच पर सवाल उठाते हुए अदालत से दखल देने की मांग की. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने मनमाने तरीके से एफआईआर दर्ज की है, जो उसकी तहरीर से बिल्कुल अलग है.पीड़िता की मां ने सीबीआई की अब तक की जांच से भी असंतुष्टि जताई है.
विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई मनोज सिंह और दूसरे करीबियों के माखी गांव जाने पर पाबंदी अदालत ने इस पर जांच एजेंसी सीबीआई से जवाब तलब करते हुए उसे दस दिनों में स्पष्टीकरण देने को कहा है. अदालत ने पीड़ित परिवार की अपील पर आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई मनोज सिंह और दूसरे करीबियों के माखी गांव जाने पर पाबंदी भी लगा दी है. चीफ जस्टिस डीबी भोंसले की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने इस मामले में उन्नाव के सेशन कोर्ट में चल रहे मुक़दमे की सुनवाई पर भी रोक लगा दी है.
पास्को और मर्डर केस की सुनवाई सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में एक साथ कराने के आदेश अदालत ने यूपी सरकार से पास्को और मर्डर केस की सुनवाई सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में एक साथ कराए जाने के लिए नोटिफिकेशन भी जारी करने को कहा है. कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई से अपनी जांच में और तेजी लाने को कहा है और उसे इस मामले में दर्ज चारों मुकदमों के बाकी बचे आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और वारदात में इस्तेमाल हुए हथियार और गाड़ियों की जल्द बरामदगी के भी निर्देश दिए हैं. अदालत ने जांच एजेंसी सीबीआई को तीस मई को नई प्रोग्रेस रिपोर्ट डिटेल्स ब्यौरे के साथ पेश करने को भी कहा है.
पीड़िता की मां ने सीबीआई जांच पर जताया असंतोष जांच एजेंसी सीबीआई ने इस मामले में आज चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और जस्टिस सुनीत कुमार की डिवीजन बेंच में अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की. अदालत की सुनवाई शुरू होते ही पीड़िता की मां की तरफ से आज भी एक नई अर्जी कोर्ट में पेश की गई. पीड़िता की मां की तरफ से अब तक की सीबीआई जांच पर न सिर्फ असंतोष जताया गया, बल्कि कई सवाल भी खड़े किये गए. कहा गया कि सीबीआई ने जो एफआईआर दर्ज की है, वह उनकी तहरीर से मेल नहीं खाती. जब एफआईआर ही मनमाने तरीके से दर्ज की गई तो आगे की जांच और कार्रवाई पर वह कैसे भरोसा करें.
जवाब दाखिल करने के लिए सीबीआई को 10 दिनों का समय सीबीआई की तरफ से अदालत में बताया गया कि यह जांच एजेंसी हूबहू एफआईआर दर्ज नहीं करती. अदालत इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुई और उसने सीबीआई से दस दिनों में डिटेल्स में जवाब दाखिल करने को कहा है. पीड़ित परिवार ने आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई मनोज सिंह और दूसरे करीबियों द्वारा खुद को गवाहों को डराए धमकाए जाने का आरोप लगाया, जिस पर अदालत ने इन सभी के माखी गांव में दाखिल होने पर पाबंदी लगा दी है.
अदालत ने उन्नाव में चल रहे मुक़दमे के ट्रायल पर लगाई रोक मामले की मॉनीटरिंग कर रही हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले में सीबीआई की अब तक की कार्रवाई पर नाखुशी जताई और उससे तेजी लाने को कहा है. अदालत ने सीबीआई से कहा है कि वह अपनी जांच में तेजी लाए और मामलों में इस्तेमाल हुए हथियार और वाहनों को जल्द से जल्द बरामद करे. अदालत ने उन्नाव में चल रहे मुक़दमे के ट्रायल पर रोक लगा दी है और यूपी सरकार से पास्को और क़त्ल दोनों ही मामले की सुनवाई एक ही कोर्ट में कराने का नोटिफिकेशन जारी करने को कहा है. अदालत ने सीबीआई से तीस मई को डिटेल्स स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है.