लखनऊ: उन्नाव गैंगरेप मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार घिरती जा रही है. गैंगरेप पीड़ित के आत्मदाह की कोशिश और उसके पिता की संदिग्ध हालात में मौत के बाद यूपी सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस मामले में आरोपी विधायक ने खुद को बेगुनाह बताया है और सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है.


योगी से मिलने पहुंची गैंगरेप पीड़िता ने सीएम आवास के बाहर किया आत्मदाह


विपक्ष भी इस मामले में काफी सक्रिय है. सपा, बसपा, कांग्रेस समेत अन्य दल भी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. समाजवादी पार्टी की 5 महिला नेता पीड़ित से मिलने जाएंगी और उसके बाद पार्टी आगे की रणनीति बनाएगी.


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वहीं इसके बीच बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर लखनऊ में डीजीपी कार्यालय पहुंचीं और अपने पति पर लगे आरोपों को गलत बताया. उन्होंने कहा कि 'पीड़ित परिवार' झूठे आरोप लगा रहा है. उन्होंने रेप पीड़ित लड़की और उसके परिवार के नार्को टेस्ट की भी मांग की.


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दूसरी ओर पीड़ित परिवार को आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस गांव ले जा रही है लेकिन परिवार ने कहा है कि गांव जाने पर विधायक के गुर्गे उनकी हत्या करा सकते हैं. उन्होंने अपनी जान का खतरा बताया और यूपी सरकार पर विधायक को बचाने का आरोप लगाया.


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यूपी सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम बनाई है जो उन्नाव का दौरा करने के बाद बुधवार शाम तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इस मामले में अब तक 6 पुलिसवाले सस्पेंड हो चुके हैं और पांच लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.


आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर का भाई अतुल सेंगर गिरफ्तार


गौरतलब है कि इस मामले में विधायक कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर की गिरफ्तारी हो चुकी है. अतुल पर पीड़िता के पिता की पिटाई का आरोप है. इसी पिटाई के कारण पीड़ित की आंत फट गई थी और जेल में उनकी मौत हो गई थी.