लखनऊ: पीड़िता के पिताअब इस दुनिया में नहीं हैं. आंतों के जख्मों ने उनकी जान ले ली. उनका कसूर केवल इतना था कि उन्होंने अपनी गैंगरेप पीड़ित बेटी को न्याय दिलाने के लिए सिस्टम की चौखट पर दस्तक दी थी. इस दस्तक के खौफ ने बीजेपी विधायक और उनके भाई को इस कदर सताया कि पहले अस्पताल पहुंचे, फिर जेल और फिर उन्होंने दुनिया छोड़ दी. अपने आखिरी बयान में उन्होंने कहा था कि विधायक के भाई ने मुझे पीटा और उनके साथ आए पुलिसवाले देखते रहे.


पिता ने बताया कि उनकी बेटी के साथ गैंगरेप हुआ जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में की. पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई तो वे कोर्ट की शरण में पहुंचे. कोर्ट के आदेश पर पुलिस को मुकदमा लिखना पड़ा. विधायक कुलदीप सेंगर का भाई अतुल सेंगर लगातार मुकदमा वापस लेने के लिए इन पर दवाब बना रहा था.


आरोपों के मुताबिक अतुल इनके घर पहुंचा और खींच कर उसे पीट डाला. बुरी तरह से घायल पिता को ही पुलिस ने मारपीट के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया. जेल भेजने से पहले उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसका मेडिकल हुआ.


मेडिकल के वक्त मौजूद डॉक्टर प्रशांत ने बताया कि पेशेंट को चोटें तो हैं लेकिन कोई भी चोट गंभीर नहीं है. उनके मुताबिक उस वक्त पिता ने भी किसी अंदरुनी चोट के बारे में नहीं बताया. इसके बाद जेल में अचानक पीड़िता के पिता की तबियत बिगड़ने लगी और फिर उसकी मौत हो गई.


प्रशासन के मुताबिक मौत अस्पताल में हुई जबकि पिता के भाई महेश के मुताबिक उन्होंने अपने लड़के को उसी वक्त अस्पताल भेजा था जिसने बताया कि इस नाम का कोई पेशेंट वहां आया ही नहीं. महेश ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सभी लोग विधायक के दवाब में काम कर रहे हैं.