उन्नाव गैंगरेप: राहुल का PM मोदी पर हमला, पूछा- न्याय का यही तरीका है 'मिस्टर 56'?
उन्नाव गैंगरेप: पीड़िता के चाचा ने गवाह की मौत पर उन्नाव एसपी को एक आवेदन दिया है. जिसमें गवाह की मौत के बाद बगैर पोस्टमार्टम के दफनाने की बात कही गई है. पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.
नई दिल्ली: उन्नाव के चर्चित गैंगरेप मामले में जारी सीबीआई जांच के बीच एक गवाह की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जर्मनी से सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने पूछा है कि लड़कियों को न्याय देने का का यही तरीका है 'मिस्टर 56'. राहुल ने बुधवार को भी महिला सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री पर सवाल उठाए थे. उन्नाव रेप केस में बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मुख्य आरोपी हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष ने गवाह की मौत से जुड़ी एक खबर ट्विटर पर साझा करते हुए पूछा, ''उन्नाव रेप केस के मुख्य गवाह की संदिग्ध मौत और बिना पोस्टमार्टम किए लाश को दफनाने में षड्यंत्र की संभावना है. जिसमें बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर शामिल है. क्या यही आपका बेटियों को न्याय देने का तरीका है, मिस्टर 56?''
The mysterious death & hurried burial without an autopsy, of the key witness in the #Unnao rape & murder case, involving BJP MLA Kuldeep Sengar, smells of a conspiracy.
Is this your idea of “justice for our daughters”, Mr 56 ?https://t.co/Tft8fpPFYy — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 23, 2018
गवाह की मौत गैंगरेप पीड़िता के चाचा ने गवाह की मौत पर उन्नाव एसपी को एक आवेदन दिया है. जिसमें गवाह यूनुस की मौत के बाद बगैर पोस्टमार्टम के दफनाने की बात कही गई है. वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सीबीआई के साथ साझा की गई जानकारी के मुताबिक यूनुस नाम का गवाह पिछले कुछ समय से कथित तौर पर बीमार चल रहा था. वह माखी गांव में एक परचून की दुकान चलाता था. पीड़िता और विधायक भी इसी गांव में रहते हैं. उन्होंने बताया कि उसे कुछ दिनों से लीवर संबंधी बीमारी थी और पिछले हफ्ते उसकी मौत हो गई थी.
आपको बता दें कि उन्नाव गैंगरेप मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मुख्य आरोपी हैं. ये मामला तब सुर्खियों में आया था जब गैंगरेप पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर खुदकुशी करने की कोशिश की थी और उसके कुछ दिनों बाद पीड़िता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी.
दावा है कि कुलदीप सिंह सेंगर के भाई और करीबियों ने पीड़िता के पिता की पिटाई की थी. पीड़िता का दावा है कि विधायक सेंगर के राजनीतिक रसूख की वजह से पुलिस ने शुरुआत में एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया, उसने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. बाद में सियासी हंगामे के बाद पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी.
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