लखनऊ: उन्नाव के चर्चित गैंगरेप मामले में पीड़िता का आज लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दोबारा मेडिकल कराया जाएगा. मेडिकल के बाद सीबीआई की टीम पूछताछ के लिए लखनऊ स्थित अपने दफ्तर ले जाएगी. जहां सीबीआई गैंगरेप के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और पीड़ित परिवार को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेगी.
साथ ही सीबीआई आज कुलदीप सेंगर को कोर्ट में पेश करेगी. जहां वह ट्रांजिट रिमांड के लिए याचिका दाखिल कर सकती है. जांच एजेंसी ने शुक्रवार को लंबी पूछताछ के बाद विधायक सेंगर को गिरफ्तार किया था.
इससे कुछ घंटे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विधायक की तत्काल गिरफ्तारी का आदेश दिया था. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सेंगर की तत्काल गिरफ्तारी का आदेश देते हुए कहा था कि वह कानून-व्यवस्था की मशीनरी को ‘प्रभावित कर रहे हैं.’
वहीं प्रधानमंत्री ने गैंगरेप की वारदातों पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं निश्चित तौर पर सभ्य समाज के लिये शर्मनाक हैं और इन मामलों में कोई भी अपराधी नहीं बचेगा, न्याय होकर रहेगा .
'भरोसा नहीं तो देश छोड़कर चले जाना चाहिए'
विधायक की गिरफ्तारी पर पीड़िता के चाचा ने आज कहा, ''सुनकर खुशी हुई कि सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी इस मामले को देख रही है. अगर हमें इसपर भरोसा नहीं होगा तो हमें देश छोड़कर चले जाना चाहिए. विधायक जी ने मेरे भाई को मरवा दिया, जो भी अधिकारी, पुलिसकर्मी इसमें शामिल हैं, उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए.''
तीन केस की हो रही है जांच
इस मामले में पहली प्राथमिकी कथित बलात्कार के संबंध में है जिसमें सेंगर और एक महिला शशि सिंह आरोपी हैं. दूसरी प्राथमिकी हिंसा से और पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत से संबंधित है. हिंसा मामले में चार स्थानीय लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, चूकि पुलिस ने हत्या के आरोप बाद में जोड़े हैं इसलिए ये सीबीआई की प्राथमिकी में दर्ज नहीं है.
तीसरा मामला पीड़िता के पिता के खिलाफ उन आरोपों से जुड़ा है जिसमें उन्हें शस्त्र कानून के तहत गिरफ्तार करके स्थानीय पुलिस ने जेल में बंद कर दिया था. वहां रहस्यमयी हालत में उनकी मौत हो गई थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके शरीर पर चोट के निशान पाए जाने की बात सामने आई है.
पीड़िता का आरोप है कि विधायक ने चार जून 2017 में अपने आवास पर उसके साथ दुष्कर्म किया था जब वह अपने रिश्तेदार के साथ वहां नौकरी मांगने गई थी. पीड़िता के पिता की विधायक के भाई और अन्य की कथित तौर पर मारपीट के बाद करीब एक सप्ताह के बाद न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी.
पूरा मामला उस वक्त सुर्खियों में आया जब नाबालिग पीड़िता ने सेंगर के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के समक्ष रविवार को आत्मदाह का प्रयास किया.
अपने विधायक पर बलात्कार के आरोप लगने से शर्मिंदगी झेल रही योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन मामलों को जांच के लिए केंद्र के पास भेज दिया था. लड़की के पिता की मौत के पहले का एक तथाकथित वीडियो वायरल हो गया था जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस की मौजूदगी में विधायक के भाई तथा अन्य ने उनके साथ मारपीट की थी. उन्हें रायफल के बट तथा लाठी डंडों से मारा गया था.