उन्नाव: बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर की कथित संलिप्तता वाले उन्नाव बलात्कार और हत्या मामले के गवाह में से एक की मौत हो गई. कथित बलात्कार मामले की जांच कर रही सीबीआई ने कहा कि गवाहों की सुरक्षा राज्य पुलिस की जिम्मेदारी है और यह केंद्रीय एजेंसी के कार्यक्षेत्र में नहीं आता.


उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सीबीआई के साथ साझा की गई जानकारी के मुताबिक यूनुस नाम का गवाह पिछले कुछ समय से कथित तौर पर बीमार चल रहा था. वह माखी गांव में एक परचून की दुकान चलाता था. पीड़िता और विधायक भी इसी गांव में रहते हैं. उन्होंने बताया कि उसे कुछ दिनों से लीवर संबंधी बीमारी थी और पिछले हफ्ते उसकी मौत हो गई थी.


जर्मनी में मौजूद राहुल गांधी ने एक खबर का हवाला देते हुए ट्विटर पर आरोप लगाया कि मामले के मुख्य गवाह की “रहस्यमय परीस्थितियों में मौत हुई‘’ और “शव का पोस्टमार्टम किए बिना ही उसे जल्दबाजी में दफनाया गया.”


राहुल ने खबर को रिट्वीट करते हुए कमेंट्स में लिखा, “बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर की संलिप्तता वाले उन्नाव बलात्कार एवं हत्या मामले के मुख्य गवाह की रहस्यमय ढंग से हुई मौत और पोस्टमार्टम के बिना जल्दबाजी में दफनाए जाने से साजिश की बू आती है. क्या ‘हमारी बेटियों के लिए न्याय’ का आपका यह तरीका है, श्रीमान 56?”


यूनुस सीबीआई के उस मामले में एक गवाह था जो विधायक अतुल सिंह सेंगर के भाई और चार अन्य द्वारा बलात्कार पीड़िता के पिता की बुरी तरह पिटाई करने से जुड़ा है. इस पिटाई की वजह से पीड़िता के पिता की मौत हो गई थी.


बलात्कार पीड़िता के पिता की जेल में मौत हो गई थी जहां उसे आर्म्स एक्ट के कथित झूठे आरोपों के तहत रखा गया था.उन्नाव में सफीपुर के मंडल अधिकारी विवेक रंजन राय ने बताया कि यूनुस की मौत शनिवार को लीवर सिरोसिस की वजह से हुई थी.


राय ने कहा, “उसका कानपुर, उन्नाव और लखनऊ में इलाज चल रहा था. परिवार के सदस्य पोस्टमार्टम नहीं करना चाहते थे. उन्होंने बताया था कि युनूस तीन महीने से बिस्तर पर था और उसकी मौत घर पर इलाज कराने के दौरान हुई.”


उत्तर प्रदेश पुलिस के सूत्रों ने बताया कि यूनुस के परिवार ने पुलिस को बयान दिया है कि वह 2013 से लीवर की बीमारी से ग्रस्त था और उसकी मौत बीमारी की वजह से हुई.
उन्होंने बताया कि यूनुस द्वारा कराए जा रहे इलाज संबंधी दस्तावेज भी पुलिस ने बरामद कर लिए हैं.


कल बलात्कार पीड़िता के चाचा ने उन्नाव के पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखकर शव के पोस्टमार्टम की मांग की थी ताकि मौत की सही वजह पता चल सके.