नई दिल्लीः उन्नाव मामले की पीड़िता की गंभीर हालत को देखते हुए उसे दिल्ली ले जाने की तैयारी की जा रही है. शाम को पीड़िता को एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया जाएगा. सरकार ने पीड़िता को इलाज के लिए दिल्ली एयरलिफ्ट करने के आदेश दे दिए हैं. ग्रीन कॉरिडोर बनाकर रास्ता साफ कराकर शाम क़रीब 6.30 बजे पीड़िता को एयरलिफ्ट किया जाएगा. 90 फीसदी जल चुकी पीड़िता की हालत गंभीर है. पीड़िता के परिवार के साथ अस्पताल के अंदर पुलिस विभाग से एडीजी और एसएसपी मौजूद हैं.


उन्नाव के बिहार थानाक्षेत्र के हिन्दूनगर गांव की युवती के साथ दुष्कर्म हुआ था. इसके बाद दो नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. युवती इसी मामले की पैरवी के लिए गुरुवार को रायबरेली जा रही थी. गुरुवार तड़के करीब चार बजे पीड़िता रायबरेली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने बैसवारा स्टेशन के लिए निकली थी, तभी गांव के बाहर खेत में दोनों आरोपी व उनके तीन साथियों ने उसके ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा दी. बताया जा रहा है कि आरोपी जमानत पर बाहर थे.


उन्नाव कांड: सीएम योगी ने मांगी मामले की रिपोर्ट, डीजीपी ओपी सिंह को राष्ट्रीय महिला आयोग का नोटिस


पीड़िता ने बयान दिया है कि गुरुवार तड़के 4 बजे वह रायबरेली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने बैसवारा बिहार रेलवे स्टेशन जा रही थी. गौरा मोड़ पर गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, किशोर शुभम, शिवम, उमेश ने उसे घेर लिया और सिर पर डंडे से और गले पर चाकू से वार किया. इस बीच वह चक्कर आने से गिरी तो आरोपियों ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी.


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है. वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने यूपी के डीजीपी ओपी सिंह को नोटिस जारी कर लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. इस मामले में पुलिस ने सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.


उधर उन्नाव मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कमीशन ने पूछा है कि क्या पीड़िता को समुचित सुरक्षा दी गई थी और इस मामले में जो भी दोषी अधिकारी हैं उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है? वहीं उन्नाव के डीएम और एसएसपी ने पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी है.


उन्नाव मामले में आईजी एसके भगत ने ये भी बताया कि पांचों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है. एफआईआर में दो नाम होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पीड़िता के भाई ने जो तहरीर लिखकर दी थी उसी पर एफआईआर दर्ज कर ली गई थी. पीड़िता के बयान के आधार पर नाम बढ़ाए जाएंगे. वहीं पीड़िता का नाम और पहचान उजागर करने की बात पर उन्होंने कहा कि नाम उजागर करने की कोई मंशा नहीं थी. इसके लिए उन्होंने गलती स्वीकार की.


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