लखनऊ: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए किए आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के मामले में पूरे उत्तर प्रदेश में 77 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. लखनऊ पुलिस ने कहा गया कि 34 मामले दर्ज कर लिए गए हैं और 77 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आपको बता दें कि फैसले आने के मद्देनजर पुलिस प्रशासन की तरफ से लगातार लोगों से ये अपील की जा रही थी कि वो सोशल मीडिया पर ऐसा कुछ भी ना पोस्ट करें जिससे किसी की भावनाएं आहत हों.
8275 पोस्ट में से करीब 4563 ऐसे पोस्ट पर कार्रवाई की गई है, जो आपत्तिजनक थे. ये पोस्ट फेसबुक, ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर किए गए थे. पुलिस के मुताबिक इन प्लेटफॉर्म्स पर लगातार नजर ऱखी जा रही थी.
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने पहले ही बताया था कि मीडिया, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों की रिपोटरें पर नजर रखने के लिए राज्य में पहली बार एक इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर (ईओसी) की स्थापना की गई है.
इसी बीच, पुलिस बल ने अनैतिकता को रोकने के लिए धारा 144 को लागू करने जैसे निषेधात्मक कदम उठाए, साथ ही संवेदनशील और व्यस्त बाजारों में गश्ती कर असामाजिक तत्वों को सख्त संदेश भी दिए.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि विवादित जमीन रामलला की है. कोर्ट ने इस मामले में निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि तीन पक्ष में जमीन बांटने का हाई कोर्ट फैसला तार्किक नहीं था. कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ की वैकल्पिक जमीन दी जाए.
कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार तीन महीने में ट्र्स्ट बना कर फैसला करे. ट्रस्ट के मैनेजमेंट के नियम बनाए, मन्दिर निर्माण के नियम बनाए. विवादित जमीन के अंदर और बाहर का हिस्सा ट्रस्ट को दिया जाए.''
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