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यूपी: कुंडली में था 'जेल योग', शख्स ने प्रशासन से लगाई गुहार
एक दिलचस्प मामला लखनऊ में सामने आया है जहां के व्यापारी रमेश सिंह ने इस साल मई में लॉकअप के अंदर 24 घंटे बिताए. ऐसा उन्होंने किसी सजा के बदले नहीं बल्कि 'जेल योग' से छुटकारा पाने के लिए किया. सबसे दिलचस्प बात ये रही कि इस काम में जिला प्रशासन भी उनका पूरा सहयोग किया.
लखनऊ: हर बार किसी को किसी अपराध के लिए ही जेल जाना पड़े ये जरूरी नहीं, कई बार अपने किसी बुरे समय या ग्रह को टालने के लिए भी लोग ऐसा करते हैं. ऐसा ही एक दिलचस्प मामला लखनऊ में सामने आया है जहां के व्यापारी रमेश सिंह ने इस साल मई में लॉकअप के अंदर 24 घंटे बिताए. ऐसा उन्होंने किसी सजा के बदले नहीं बल्कि 'जेल योग' से छुटकारा पाने के लिए किया. सबसे दिलचस्प बात ये रही कि इस काम में जिला प्रशासन भी उनका पूरा सहयोग किया.
टीओआई के मुताबिक अपने इस हैरान कर देने वाले कदम के बारे में खुलासा करते हुए सिंह ने बताया, ''एक बार एक ज्योतिषी ने मेरी कुंडली देखी और बताया कि मेरा कुंडली में जेल योग है, जो मेरे लिए आगे चलकर कोई बड़ी परेशानी खड़ा कर सकता है. जेल के बारे में सुनकर मैं और मेरा परिवार आवाक रह गया. इसके बाद ज्योतिषी ने इसका उपाय बताते हुए कहा कि अगर मैं बिना किसी अपराध के जेल में कुछ समय बिता लूं तो यह खतरा टल जाएगा.' इसके बाद सिंह ने जिला प्रशासन को एक आवेदन के साथ अपनी कुंडली भेजी और अपनी परेशानी के बारे में बताया.
रमेश सिंह के कागजातों की जांच के बाद जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें जेल में कुछ वक्त बिताने की मंजूरी मिल गई. उसके बाद जैसा कि ज्योतिषी ने कहा था, रमेश ने अंडरट्रायल अपराधियों की तरह लॉकअप में समय बिताया. यहां तक कि उन्होंने अपराधियों को दिया जाने वाला खाना भी खाया. रमेश ने कहा, ''फिर मैंने ईश्वर से प्रार्थना की कि वह मेरे पापों को क्षमा करें और मुझे सही राह पर चलने में मदद करें ताकि मैं कभी कोई अपराध ना करूं.''
इस पूरे मामले लखनऊ के डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा, ''उनके पास ऐसे मामले आते रहते हैं. लोग अपने बुरे ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए हमसे कुछ समय जेल में रहने की इजाजत मांगते हैं. क्योंकि सिर्फ अदालत से जेल की सजा मिल सकती है, इसी वजह से ऐसा आवेदन करने वालों को लॉकअप में रहने की मंजूरी दे दी जाती है.''
कौशल राज शर्मा ने कहा, 'ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है जो हमें बिना किसी जुल्म के किसी को लॉकअप में रखने की इजाजत दे लेकिन हम लोगों के धार्मिक आधार को देखते हुए इस तरह के आवेदनों को मान लेते हैं. इस बात की पूरी तस्दीक की जाती है कि जेल जाने का मकसद पूरी तरह से धार्मिक है.
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अशोक वानखेड़ेवरिष्ठ पत्रकार
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