गोरखपुरः मऊ और इटावा जेल में कैदियों के वीडियो वायरल होने के बीच गोरखपुर मंडलीय कारागार में प्रशासनिक और पुलिस के आलाधिकारियों ने गुरुवार की सुबह 7 बजे के करीब छापेमारी की. छापेमारी की सूचना के बाद कैदियों में हड़कंप मच गया. हालांकि इस दौरान जेल में कोई आपत्तिजनक वस्‍तु नहीं मिली. लेकिन, जेल के अधिकारियों और कैदियों की भी सांसें अटकी रही. यूपी की जेलों में जुआ और शराब-कबाब के वायरल हो रहे वीडियो ने सरकार की किरकिरी की है. यही वजह है कि प्रशासनिक और पुलिस के आलाधिकारी अली सुबह ही छापेमारी करने पहुंच गए.

गोरखपुर के सिटी मजिस्‍ट्रेट अजित कुमार सिंह के नेतृत्‍व में सीओ कैंट रोहन प्रमोद बोत्रे, सीओ गोरखनाथ प्रवीण कुमार सिंह और एक अन्‍य सीओ के साथ भारी संख्‍या में पुलिस बल के साथ मंडलीय कारागार पहुंचे. गुरुवार की सुबह सात बजे टीम ने मंडलीय कारागार में प्रवेश किया. इस औचक निरीक्षण और छापेमारी से कैदियों में खलबली मच गई. पूरे एक घंटे तक टीम जेल के भीतर तलाशी अभियान चलाती रही. हर बैरक और अन्‍य हिस्‍सों में टीम ने तलाशी ली. लेकिन, कोई आपत्तिजनक सामान नहीं मिला. एक घंटे की छापेमारी के बाद अधिकारी जब पूरी तरह से आश्‍वस्‍त हो गए तब बाहर निकले.

यूपी के मऊ में शराब-कबाब की पार्टी का वीडियो वायरल हुआ था. इसके ठीक बाद इटावा की जेल का वीडियो भी वायरल हो गया. वहां भी शराब की पार्टी चल रही थी. दोनों ही वायरल वीडियो ने जेल में कैदियों की सुरक्षा और अय्याशी की घटनाओं को उजागर कर दिया. इससे कई सवाल भी खड़े होने लगे. इसके पहले जेल में कुख्‍यात मुन्‍ना बजरंगी की जेल में हुई हत्‍या ने भी जेल प्रशासन और सरकार को कटघरे में खड़ा किया था. इस घटना ने सीएम योगी आदित्‍यनाथ के सख्‍त तेवर दिखाई दिए थे.

एक बार फिर जेल में अय्याशी के वायरल हो रहे वीडियो ने प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. ऐसे में कैदियों की सुरक्षा को लेकर अधिकारी भी पूरी तरह से सचेत हैं. यही नहीं कैदियों को चोरी-चुपके मिलने वाली अय्याशी के ये सामान जेल में गैंगवार की घटनाओं के रूप में भी सामने आ रहे हैं. ऐसे में यूपी की योगी सरकार को जेल में कड़ाई से नियमों के पालन के लिए अधिकारियों को चेताना होगा.