नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, बीएसपी चीफ मायावती से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे थे. दोनों के बीच करीब एक घंटे तक विचार विमर्श हुआ. हालांकि, इस विचार-विमर्श में किन मुद्दों पर बात हुई इसके बारे में सही जानकारी तो नहीं लग पायी लेकिन ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों नेताओं के बीच चर्चा का मुख्य मुददा एक्जिट पोल रहे होंगे.

दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बारे में अभी जानकारी नहीं मिल पायी है. पर अखिलेश ने ट्विटर पर एक तस्वीर जरूर शेयर की है. उस तस्वीर के साथ एक कैप्शन भी है, जिसमें लिखा है... अगले कदम की तैयारी...




अखिलेश-मायावती ने 22 बार साझा किया मंच

लोकसभा चुनाव के सातों चरणों में मायावती ने 22 बार अखिलेश के साथ मंच साझा किया और साथ मिलकर करीब आधा दर्ज रोडशो किए. कई लोगों को ताज्जुब में डालते हुए अखिलेश ने मायावती को मैनपुरी की एक रैली में मुलायम सिंह यादव के साथ भी मंच साझा करने के लिए राजी कर लिया.

प्रदेश में सपा-बसपा की कुल 97 रैली हुईं जबकि बीजेपी ने 407 रैली कीं. राज्य में प्रचार समाप्त होने के बाद भावी रणनीति के लिए अखिलेश ने मायावती के साथ कई बैठकें की हैं.

क्यों सबसे खास है यूपी 

लोकसभा सीटों की संख्या के मामले में भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है. इस लिहाज से दिल्ली की सत्ता हासिल करने का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है इसमें कोई शक नहीं. उत्तर प्रदेश की राजनीतिक हैसियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस राज्य ने देश को 10 प्रधानमंत्री दिए हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य में 71 सीटें जीती थीं, जबकि एनडीए में शामिल अपना दल के खाते में दो सीटें

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 71 सीटें और उसके सहयोगी अपना दल को दो सीटें, समाजवादी पार्टी को पांच, कांग्रेस को दो सीटें मिली थी जबकि बसपा का खाता भी नहीं खुला था.

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