यूपी: राममंदिर निर्माण करोड़ों लोगों की आस्था का प्रश्न, अपना रुख साफ करें सभी राजनीतिक दल- कल्याण सिंह
राम मंदिर आंदोलन से कल्याण सिंह का पुराना नाता रहा है. अयोध्या में बाबरी विध्वंस विवाद में उनकी सत्ता चली गई थी. 6 दिसम्बर 1992 को विवादित स्थल को कारसेवकों ने जब ढहाना शुरू किया तो कल्याण सिंह ने पूरी घटना की जिम्मेदारी खुद ले ली थी और पद का मोह न करते हुए सरकार से इस्तीफा भी दे दिया था.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल रह चुके कल्याण सिंह सोमवार को एक बार फिर बीजेपी में शामिल हो गए. लगभग 87 वर्षीय कल्याण सिंह ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में एक बार फिर पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. कल्याण सिंह ने राम मंदिर निर्माण पर सभी राजनीतिक दलों से अपने रुख स्पष्ट करने को कहा. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को जनता को बताना चाहिए कि वे राम मंदिर निर्माण को लेकर क्या सोचते हैं. कल्याण सिंह ने कहा, "राममंदिर निर्माण करोड़ों लोगों की आस्था का प्रश्न है. यह राजनीति का विषय नहीं है. जितने भी राजनीतिक दल हैं, वे इस मुद्दे पर जनता के सामने अपना मत स्पष्ट करें कि वे राम मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं, या फिर उसके विरोध में."
उन्होंने कहा, "मैं राजनीति को जनसेवा का सशक्त माध्यम मानता हूं. उसी भावना से मैंने फिर से सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने का फैसला किया है. जब तक मैं राज्यपाल रहा तब तक मैंने उस पद की गरिमा का पूरा ख्याल रखा."
कल्याण ने कहा, "भविष्य में चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है. इतनी उम्र गुजर जाने के बावजूद न तो थका हूं और न ही मन टूटा है. मेरा तन रिटायर नहीं है, मन रिटायर नहीं है."
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. जब से योगी ने गद्दी संभाली है तब से गांव, गरीब की स्थिति में बड़ा फर्क आया है. खुशहाली बढ़ी है."
एक सवाल के जवाब में कल्याण ने कहा, "यूपी की सियासत में अब सपा, बसपा और कांग्रेस की वापसी संभव नहीं दिखती. सभी दलों ने अपना जनाधार खो दिया है. मुझे नहीं लगता है कि अब उनकी वापसी हो पाएगी."
उन्होंने कहा कि वह दोबारा राजनीति में पार्टी का सहयोग करने के लिए आए हैं. "आज भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है. मेरा चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है. बहुत चुनाव लड़ चुका हूं. राजनीति लोगों की सेवा का एक माध्यम है."
कल्याण ने इस दौरान केंद्रीय नेतृत्व की भी तारीफ की और कहा कि इसका कोई विकल्प नहीं है.