नोएडा: नोएडा प्राधिकरण ने तय किया है कि गणेशोत्सव के बाद प्रतिमा विसर्जन के लिए शहर में जगह-जगह कृत्रिम तालाब बनाए जाएंगे जिन्हें बाद में मिट्टी डालकर भर दिया जाएगा. नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रितु माहेश्वरी ने मंगलवार रात इस आशय के आदेश जारी किए.
नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक (सिविल) के.के. अग्रवाल ने बताया कि सीईओ ने उन्हें और उप-महाप्रबंधक (जल/सीवर) बीएम पोखरियाल को आदेश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों का दौरा कर तालाब निर्माण के लिए जगह चिह्नित करें. पांच सितंबर तक 40 फीट लंबे, 40 फीट चौड़े और 5 फीट गहरे तालाब खोद कर उनमें पानी भर दिया जाए.
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जून 2010 में मूर्ति विसर्जन के लिए दिशा-निर्देश जारी किया गया था. इसके अलावा राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा भी सार्वजनिक जल निकायों खासकर (नदियों) में मूर्ति विसर्जन के लिए सख्त निर्देश दिये गये थे. इन्हीं दोनों निर्देशों के अनुपालन में प्राधिकरण ने आदेश जारी किये हैं.
क्यों मनाई जाती है गणेश चतुर्थी, क्या है मान्यता
हिंदू मान्यता के अनुसार भादो मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी के दिन स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में भगवान गणेश का जन्म हुआ था. देवी पार्वती और भगवान शिव के पुत्र गणेश को देवताओं में प्रथम पूज्य माना जाता है. गणेश चतुर्थी का पर्व भारत में शुरू ज़रूर हुआ लेकिन केवल भारत तक सीमित नहीं है. इसे पड़ोसी देश चीन और नेपाल में भी मनाया जाता है. इसी के साथ थाईलैंड, अफ़ग़ानिस्तान और इंडोनेशिया में भी गणेश चतुर्थी का आयोजन होता.
10 दिन तक चलने वाला गणेश चतुर्थी का पर्व हिंदुओं के कैलेंडर के मुताबिक भाद्रपद के महीने में मनाया जाता है, जो कि अगस्त या सितंबर में पड़ता है. पर्व की शुरुआत चौथे दिन यानि की शुक्ल चतुर्थी के दिन से होती है. उन्हें इस मौके पर विघ्नहर्ता का दर्जा दिया जाता है और ये कामना की जाती है कि बुद्धिमत्ता और समृद्धि के भगवान गणेश सभी परेशानियों को दूर कर देंगे.
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