एक्सप्लोरर
Advertisement
यहां जानिए, क्या हैं पश्चिमी यूपी के अहम मुद्दे ?
नई दिल्ली/लखनऊ : पहले चरण में आज जिन 73 सीटों पर चुनाव होना है, वो पश्चिमी यूपी का इलाका है. इस बेहद संवेदनशील इलाके में जाट और मुस्लिम ही यहां प्रत्याशियों की किस्मत तय करते हैं. हम आपको बता रहे हैं कि इन सीटों पर अहम मुद्दे कौन-कौन से हैं.
क्या हैं पश्चिमी यूपी के अहम मुद्दे ?
पश्चिम यूपी वो इलाका है जहां जाटों और मुसलमानों का बड़ा प्रभाव है. एक-एक उम्मीदवार की हार और जीत का फैसला इन्हीं के वोट पर होता है. ऐसे में मुद्दे भी जाति-धर्म से जुड़े हुए ही हैं. पिछले कुछ महीनों में जिस तरह की खबरें इस इलाके में सुर्खियों में रही हैं, राजनीति भी उन्हीं के आसपास घूम रही है.
यह भी पढ़ें : IN PICS: वह दस बड़े नेता जिनकी किस्मत का फैसला आज होना है
मुजफ्फरनगर का दंगा :
दो समुदाय को लोगों के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद सन 2013 में यह दंगा हुआ था. अगस्त-सितंबर के बीच यह दंगा चला था और इलाके में बहुत तनाव था. 17 सितंबर को इलाके से कर्फ्यू हटाया गया था. आधिकारिक तौर पर इसमें दोनों समुदायों के 60 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
कैराना पलायन :
यूपी के इस इलाके में कई हिंदू परिवारों ने इलाका छोड़ दिया था. बीजेपी नेता हुकुम सिंह ने लिस्ट जारी कर बताया था कि कैराना और कंधला के सैकड़ों हिंदू परिवारों ने गांव छोड़ा है. आरोप यह था कि सांप्रदायिक भय से परिवार पलायन कर रहे हैं. हालांकि, राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में हुकुम सिंह के दावों को खारिज कर दिया था.
यह भी पढ़ें : जानें: मोदी, अखिलेश, मायावती, राहुल के लिए क्यों अहम है यूपी 2017 का चुनाव
कानून व्यवस्था :
इसके अलावा पूरे उत्तर प्रदेश के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी कानून-व्यवस्था पर सवाल उठते रहे हैं. कुछ दिनों पहले ही बीच सड़क पर गोली मारकर बस लूट की वारदात हुई थी. इसके साथ ही बुलंदशहर में पिछले साल महिलाओं को कार के खींचकर बदसलूकी की गई थी.
गन्ना किसानों का बकाया/न्यूनतम समर्थन मूल्य :
उत्तर प्रदेश में गन्ना का उत्पादन काफी अहम माना जाता है. लेकिन, पिछले कुछ सालों में गन्ना किसानों की मुसीबतें लगातार बढ़ी हैं. गन्ने का बकाया किसानों को नहीं चुकाया गया है. इसके साथ ही गन्ने की फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर भी किसानों का संघर्ष चल रहा है.
यह भी पढ़ें : यूपी में पहले चरण का चुनाव आज, दांव पर है इन राजनीतिक धुरंधरों की साख!
सड़क, शिक्षा और अन्य विकास :
देश की राजधानी से नजदीक होने के बावजूद इस इलाके में विकास का स्तर उचित नहीं है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ही सड़कों का हाल बुरा है. इसके साथ ही शिक्षा को लेकर भी स्थानीय स्तर पर कोई विशेष सुविधाएं नहीं है. इलाके के ज्यादातर लोग अच्छी जिंदगी के लिए दिल्ली पर ही निर्भर हैं.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
क्रिकेट
बॉलीवुड
Advertisement
प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
Opinion