लखनऊ: यूपी के अलीगढ़ विधानसभा सीट पर उम्मीदवारों की जीत हार तय करने में मुस्लिम मतदाताओं के वोट बड़ी भूमिका निभाते हैं. अलीगढ़ सीट पर एसपी और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है. पहले चरण का चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद अब उम्मीदवार सीधे मतदाताओं के दरवाजे पर जाकर दस्तक दे रहे हैं.


नोटबंदी ने व्यवसाय को चौपट कर दिया- जफर आलम, एपपी उम्मीदवार 


अलीगढ (सिटी) विधानसभा सीट पर एसपी के कैंडिडेट हैं जफर आलम. समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार जफर आलम अपने कामकाज के बलबूते दोबारा विधानसभा पहुंचना चाहते हैं. जफर नोटबंदी के फैसले पर बीजेपी को घेरते हुए कहते हैं कि नोटबंदी के फैसले ने यहां के व्यवसाय को ठप कर दिया है.


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नोटबंदी देेश के लिए बड़ा फैसला- संजीव राजा, बीजेपी उम्मीदवार


बीजेपी उम्मीदवार संजीव राजा गली-गली घूमकर वोट मांग रहे हैं. लोगों के बीच जाकर संजीव एसपी और कांग्रेस के गठबंधन पर हमला करते हैं. संजीव का कहना है कि जिस गठबंधन को मुलायम सिंह यादव ने स्वीकार नहीं किया उसे जनता क्या स्वीकार करेगी. इतना ही नहीं संजीव, पीएम मोदी द्वारा किए गए नोटबंदी को देश के लिए एक बड़ा फैसला बताते हैं. उनका दावा है कि नोटबंदी के कारण इलाके के व्यवसाय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.


अलीगढ़ विधानसभा क्षेत्र में करीब 96 हजार मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. जबकि करीब 40 हजार जाटव वोटों को बीएसपी का वोट बैंक माना जाता है.


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