लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में हुई सहायक शिक्षक भर्ती में गड़बड़ियों की पुष्टि होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच कमिटी की रिपोर्ट पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी के तत्कालीन रजिस्ट्रार और डिप्टी रजिस्ट्रार को निलंबित कर दिया है. वहीं, सात के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी. 353 कॉपियों के मूल्यांकन में मिली गड़बड़ी के आधार पर इन्हें जांचने वाले परीक्षक भी नपेंगे.


हाईकोर्ट तक पहुंचा था मामला


प्रदेश में 68,500 सहायक शिक्षक के पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में महज 41, 556 अभ्यर्थी ही पास हुए थे. इसमें 40,700 को 5 सितंबर तक नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे. इसी दौरान कॉपियों के मूल्यांकन में गड़बड़ियों और पास अभ्यर्थियों को भी रिजल्ट में फेल दिखाए जाने की शिकायतें आई थीं. मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा था.


भूसरेडी की अध्यक्षता में बनाई गई थी जांच कमिटी


इसको संज्ञान लेते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी की सचिव रूबी सिंह को आठ सितंबर को निलंबित कर दिया था. साथ ही आईएएस संजय आर. भूसरेडी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमिटी बनाई थी. कमिटी को एक सप्ताह की मोहलत थी लेकिन करीब एक महीने बाद रिपोर्ट सौंपी गई है. इसको लेकर हाईकोर्ट ने भी नाराजगी जाहिर की थी. इस दौरान सभी 1.07 लाख कॉपियों को स्क्रूटनी भी कमिटी ने कराई.


एससीईआरटी के सात अफसरों पर होगी कार्रवाई


कमिटी ने अपनी जांच रिपोर्ट शुक्रवार की सुबह अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा प्रभात कुमार के जरिए सीएम को सौंपी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुबह ही रिपोर्ट के बिंदु परखे और शाम तक कार्रवाई के आदेश भी दिए. अनियमितता और लापरवाही के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी के तत्कालीन रजिस्ट्रार जीवेंद्र सिंह नेगी, डिप्टी रजिस्ट्रार प्रेमचंद कुशवाहा निलंबित किए गए हैं. एससीईआरटी के सात अफसरों पर पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने के चलते अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी.


जांच कमिटी को 53 अभ्यर्थी ऐसे मिले हैं, जिनके कॉपियों में कम नंबर होने के बाद भी उन्हें पास दिखाकर नौकरी दे दी गई. इन अभ्यर्थियों की कॉपियों उनके सामने फिर से जांची जाएंगी. फेल मिलने पर नौकरी जाएगी. वहीं, 51 अभ्यर्थी ऐसे हैं जो पास होने के बाद भी फेल बताए गए थे इनको नौकरी दी जाएगी.


सबका नि:शुल्क पुनर्मूल्यांकन, 11 से आवेदन जांच कमिटी की रिपोर्ट के बाद सीएम ने सभी अभ्यर्थियों को कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन की सुविधा देने के निर्देश दिए हैं. हालांकि, भर्ती के विज्ञापन में लिखा गया था कि कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन नहीं कराया जा सकता है. सवाल उठने के बाद इसको शिथिल कर दिया गया है. परीक्षा में शामिल 1.07 लाख अभ्यर्थियों में जो भी अपनी कॉपी दुबारा जंचवाना चाहते हैं उन्हें 11 से 20 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा.


जांच में यह मिले ये तथ्य-




  • 353 कॉपियों में मिली हैं गड़बड़ियां.

  • 285 शिकायतें मिली थी परीक्षा संबंधी.

  • 53 अभ्यर्थी फेल होने के बाद भी पा गए नौकरी.

  • 51 पास अभ्यर्थी पास थे, फेल दिखाए गए थे, मिलेगी नौकरी.

  • 40 को सही जवाब पर भी नंबर नहीं मिले.

  • 60 कॉपियों में कटिंग/ओवरराइटिंग के चलते नंबर नहीं मिले, जबकि 5 को दे दिए गए.

  • 158 अन्य कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन होगा.


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