लखनऊ: यूपी में अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा निकलेगी, फिर 22 शहरों की अलग-अलग नदियों में अस्थि विसर्जन होगा. गंगा से लेकर घाघरा तक में अस्थि विसर्जन की तैयारी है. रविवार 19 अगस्त को सभी अस्थि कलश को दिल्ली से लखनऊ एयरपोर्ट लाया जाएगा. इसके बाद एयरपोर्ट से लेकर बीजेपी ऑफ़िस तक शोभा यात्रा निकाली जाएगी. इस दौरान लोग अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं.


अटल बिहारी बाजपेयी का लखनऊ और यूपी से भावनात्मक रिश्ता रहा है. आगरा के बटेसर में उनका जन्म हुआ.कानपुर से उन्होंने क़ानून की पढ़ाई की.लखनऊ से उन्होंने पत्रकारिता शुरू की. यहीं रह कर अटल ने राजनीति का ककहरा सीखा. फिर लखनऊ से ही लोकसभा के सांसद बने और फिर देश के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली.


19 अगस्त की दोपहर को अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश लखनऊ पहुंचेगा. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडे खुद इसे लेकर आयेंगे.फिर आम लोगों के दर्शन के लिए इसे बीजेपी ऑफ़िस में रखा जाएगा. अगले दिन यानी 20 अगस्त को 18 अस्थि कलशों को अलग-अलग शहरों के लिए रवाना कर दिया जाएगा. योगी सरकार के एक मंत्री और संगठन से किसी पदाधिकारी को एक-एक अस्थि कलश की ज़िम्मेदारी दिए जाने का फ़ैसला हुआ है.


वाराणसी में गंगा से लेकर आगरा में यमुना नदी तक में इसे प्रवाहित किया जाएगा. 23 अगस्त को लखनऊ में अटल की याद में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई है. गोमती नदी किनारे इस कार्यक्रम में शहर के सांसद और देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल होंगे. उसी दिन अटल जी की अस्थियां गोमती नदी में प्रवाहित कर दी जाएगी. अस्थि कलश और विसर्जन यात्रा की तैयारियों को लेकर शनिवार को बीजेपी ऑफ़िस में देर रात तक बैठक हुई.


प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडे और संगठन मंत्री सुनील बंसल ने कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार की. यूपी की सभी बड़ी नदियों में अटल की अस्थियां प्रवाहित की जाएंगी. इस दौरान जिन शहरों से अस्थि कलश यात्रा निकलेगी. वहां के बीजेपी कार्यकर्ता और आम लोग अटल ज़ी को श्रद्धांजलि अर्पित कर पाएंगे. 25 अगस्त को राज्य के सभी जिलों में श्रद्धांजलि सभी भी आयोजित होगी. अटल ज़ी के बहाने बीजेपी की तैयारी रूठे हुए अगड़ी जाति के रूठे हुए वोटरों को मनाने की है.