लखनऊ: डीएम साहेब को लोग देश विदेश से जूते भेज रहे हैं. कुछ उन्हें महंगी गाड़ियां और घड़ियां भी भेज रहे हैं. पिछले तीन चार दिनों से ये सिलसिला जारी है. #ShoesForTheDM हैशटैग से उन्हें सोशल मीडिया में ट्रोल किया जा रहा है. यूपी में बलिया के डीएम भवानी सिंह अब दलितों के निशाने पर हैं. उनका एक बयान उनके लिए जी का जंजाल बन गया है. दलित समाज के लोगों ने उनके ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ दी है. लोग अपने महंगे जूतों के फ़ोटो डीएम के लिए पोस्ट कर रहे हैं. ट्विटर, फ़ेसबुक से लेकर इंस्टाग्राम तक डीएम ट्रोल हो चुके हैं.
आख़िर ये सब कैसे और क्यों शुरू हुआ ? बलिया के डीएम भवानी सिंह ने दलित नेताओं के महंगे जूतों पर टिप्पणी कर दी थी. बात 22 अगस्त की है. मीटिंग छोड़ कर वे रामपुर सरकारी स्कूल पहुंचे थे. वहीं बीएसपी के कुछ नेता भी मौजूद थे. बाहर लग्ज़री गाड़ियां भी खड़ी थीं. लखनऊ में मुख्यमंत्री के ऑफ़िस के आदेश पर डीएम भवानी सिंह सारा काम काज छोड़ कर स्कूल आए थे. स्कूल की एक वीडियो को लेकर हंगामा मचा था. यहां के दलित बच्चों को अलग से मिड-डे-मिल का खाना परोसने का वीडियो वायरल हो गया था. बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर इसके लिए योगी सरकार की आलोचना की थी. डीएम साहेब को इसी मामले की जांच के लिए स्कूल भेजा गया था.
बीएसपी नेताओं को देख कर ही डीएम भवानी सिंह आग बबूला हो गए. उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण बैठक छोड़ कर उन्हें आना पड़ा है. लेकिन आप जैसे नेता यहां राजनीति कर रहे हैं. डीएम ने कहा 25 लाख की गाड़ी, 20 हज़ार की घड़ी और 10 हज़ार के जूते पहन कर राजनीति न करें. वहां मौजूद बीएसपी के ज़ोनल कोऑर्डिनेटर ने इसका विरोध किया. आरोप प्रत्यारोप का ये वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया.
बलिया के डीएम भवानी सिंह के ख़िलाफ़ दलित समाज के लोगों ने अभियान शुरू कर दिया है. लोग अपने अपने तरीक़े से विरोध जता रहे हैं. कोई नए जूते के फ़ोटो पोस्ट कर रहा है ते कुछ पुराने जूतों के. दलित बिरादरी के लोग अपने गाड़ियों के साथ के फ़ोटो पोस्ट कर रहे हैं. कुछ लोगों ने तो जूते ख़रीद कर डीएम साहेब को कूरियर भी कर दिया है.